यूक्रेन और रूस के बीच होने वाले युद्ध ने नार्वे को मालामाल कर दिया। रूस-यूक्रेन युद्ध ने नार्वे के लिए एनर्जी करियर के माध्यम से अरबों डालर कमाने का रास्ता साफ़ कर दिया।
एनआरके वेबसाइट के अनुसार रुस और यूक्रेन के बीच होने वाली लड़ाई, विश्व की मंडी में एनर्जी करियर के मूल्यों में वृद्धि का कारण बनी। इसी ज़रूरत का लाभ उठाते हुए नार्वे से यूक्रेन युद्ध के दौरान 31 अरब डालर कमा लिए।
जैसे ही यूक्रेन युद्ध आरंभ हुआ उसके बाद से यूरोप के लिए रूसी गैस के निर्यात में कमी होने लगी। जब रूस से यूरोप के लिए गैस और कोयला के निर्यात में ह्रास हुआ तो इससे एनर्जी करियर के मूल्यों में वृद्धि हो गई। इस अवसर का लाभ उठाते हुए नार्वे ने इससे 31 अरब डालर की कमाई कर डाली।
अरबों डालर की इस कमाई के संदर्भ में नार्वे की ग्रीन पार्टी के प्रमुख कहते हैं कि 31 अरब डालर की रक़म बहुत बड़ी रक़म है किंतु इसकी निंदा की जानी चाहिए। खेद की बात यह है कि नार्वे ने दूसरे देशों की दुर्दशा का दुरूपयोग करते हुए उससे कमाई शुरू कर दी। हमारी सरकार ने एसा काम किया है जिसकी वजह से मुझको नार्वे का नागरिक कहने में शर्म आती है।