इस्राईल के हाथों ग़ज़्ज़ा में जारी हालिया जनसंहार को लेकर अहले बैत न्यूज़ एजेंसी (अबना) ने ईरान में यहूदी रब्बी और यहूदी एसोसिएशन के प्रमुख डॉक्टर यूनुस हमामी लालेह ज़ार के साथ यहूदी धर्म में "जायोनिज़्म का स्थान" शीर्षक के साथ बातचीत की।
डॉक्टर यूनुस ने यहूदी धर्म और जायोनिज़्म को अलग बताते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि अधिकांश इस्लामी देशों में यहूदी अमनो अमान से रहते थे । हम किसी भी धरती को इस तरह जुल्म और अत्याचार के बल पर हासिल करने के खिलाफ हैं लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन ने अपनी राजनीतिक साजिशों के दम पर क्षेत्र में भेदभाव और फूट फैलाई ताकि इस्राईल नाम से एक देश का गठन किया जा सके । फिलिस्तीन में ज़ायोनी लाबी ने अपने आप को सब यहुदियों के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया जबकि सच्चाई इसके खिलाफ है । दूसरे देशों में अल्पसंख्यक यहूदी दबाव का सामना कर रहे हैं साम्राज्यवाद ने उन्हें इस्राईल जाकर बसने के लिए उकसाया।
उन्होंने कहा कि जायोनिस्ट अपने आप को दुनिया भर की यहूदियों का प्रतिनिधि मनवाना चाहते हैं और अपने विरोधियों पर यहूदी विरोधी होने का ठप्पा लगा देते हैं जबकि लोग जायोनिस्म का विरोध करते हैं लेकिन वह अपने विरोधियों को यहूदी विरोधी और विश्वास घाती कहते हैं।
डॉक्टर यूनुस ने कहा के हम आज फिर देख रहे हैं कि दुनिया के अलग-अलग देश यहां तक कि अमेरिका और यूरोप में भी जायोनी शासन की हरकतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहूदी समाज का एक बड़ा हिस्सा चाहता है कि हम दूसरों के साथ अमनो सुकून से रहें और इस्राईल हमारे नाम पर ऐसे अपराध न करे। यहूदी एसोसिएशन के प्रमुख ने कहा कि जायोनिज़्म यहूदी धर्म का प्रतिनिधि नहीं है।
यहूदी एसोसिएशन के प्रमुख ने कहा कि उनके एकाधिकार, लालच और साजिशों ने इलाके में जंगा की आग भड़काई।
जिस तरह पिछले कुछ सालों में आतंकी संगठन आईएसआईएस खुद को इस्लाम का प्रतिनिधि बताता था जब के पिछले 1400 सालों से इस्लाम का तौर तरीका उनसे एकदम अलग था इसी तरह जायोनिज़्म और यहूदी धर्म का भी कोई संबंध नहीं है