यूरोपीय संघ के विदेश नीति अधिकारी "जोसेफ बोरेल" ने एक बार फिर यूरोप के निफ़ाक़ और दोग़ले चरित्र को उजागर करते हुए हमास के हमलों की तो निंदा की यकीन ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के वहशियाना हमलों पर कुछभी बोलने से मना कर दिया।
अल जज़ीरा के रिपोर्टर ने सवाल किया कि क्या आप ग़ज़्ज़ा में इस्राईल की कार्रवाई को युद्ध अपराध मानते हैं?" उन्होंने कहा: मैं वकील नहीं हूं और मैं फैसला नहीं कर सकता!
अल जजीरा के रिपोर्टर ने तुरंत उनसे दूसरा सवाल पूछा कि क्या यूरोप हमास की 7 अक्टूबर की कार्रवाई को युद्ध अपराध मानता है? बोरेल ने बिना रुके उत्तर दिया: हाँ, बिल्कुल; हम इन कार्रवाइयों को युद्ध अपराध मानते हैं!
ज़ायोनी सरकार के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोधी दल हमास के "अल-अक्सा स्टॉर्म" के बाद, ज़ायोनी सेना लगातार 45 दिन से ग़ज़्ज़ा पर अंधाधुंध बमबारी कर रही। ज़ायोनी सेना के हमलों से स्कूल, अपस्ताल, मस्जिद कुछ भी सुरक्षित नहीं है।
ज़ायोनी सेना के हमलों के परिणामस्वरूप 13 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हुए हैं, जिनमें 5500 से अधिक बच्चे और 3500 महिलाएँ शामिल हैं।