ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सरकार के आक्रमण की शुरुआत के बाद से, मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर 20 से अधिक बार भारी रॉकेट और ड्रोन हमले हुए हैं। एक आधिकारिक बयान में पेंटागन ने भी अपने सैनिकों की मौत और घायल होने की बात स्वीकार की है।
अमेरिका के कब्ज़े और आतंकवाद के ख़िलाफ़, सीरिया में प्रतिरोधी दलों ने उन आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर अपना दृढ़ संकल्प और ताकत दिखाई। ये हमले इतने तीव्र थे कि अमेरिका बयानबाज़ी के बाद भी खुद की बनाई सीमा रेखा से पीछे नज़र आ रहा है और इस तरह घिर चुका है कि जवाबी कार्रवाई करने का साहस भी नहीं कर सका।
लेबनान के अल-मायादीन नेटवर्क ने अपने रिपोर्टर का हवाला देते हुए कहा कि दो ड्रोनों ने इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र की राजधानी अरबील में अमेरिकी सेना के बेस पर हमला किया। अमेरिका का यह अवैध मिलिट्री बेस अरबील हवाई अड्डे के करीब है।