क़तर के बाद तुर्की की यात्रा पर गए ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने तुर्क राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान से मुलाक़ात करते हुए कहा कि प्रतिरोधी दल अपने निर्णय खुद लेने के सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि अगर ग़ज़्ज़ा पर हमले इसी तरह जारी रहे तो, किसी भी समय क्षेत्र में युद्ध और संघर्ष का दायरा बढ़ने का खतरा है, और इसके परिणामों की जिम्मेदारी सीधे अमेरिकी सरकार और ज़ायोनी शासन पर है।
अब्दुल्लाहियान ने कहा कि अमेरिकी सरकार सीधे तौर पर मज़लूम फिलिस्तीनी राष्ट्र के खिलाफ ज़ायोनी शासन के क्रूर अभियानों और ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन के युद्ध अपराधों का समर्थन और उन्हें मैनेज करने में शामिल है। एक तरफ अमेरिकी सैन्य कमांडर ज़ायोनी ऑपरेशन रूम में मौजूद हैं और दूसरी तरफ वह दूसरों को संयम बरतने की सलाह दे रहा है।
अर्दोग़ान ने फिलिस्तीन के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि तुर्की की प्राथमिकता ग़ज़्ज़ा में सैन्य अभियान को रोकना, संघर्ष विराम करना और ग़ज़्ज़ा की घेराबंदी खत्म करते हुए मानवीय सहायता भेजना है। फिलिस्तीनी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी उपाय आवश्यक है।