AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
गुरुवार

19 अक्तूबर 2023

11:06:48 am
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अल-अज़हर का ऐतिहासिक फतवा, मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन में रहने वाला कोई भी अतिक्रमणकारी ज़ायोनी आम नागरिक नहीं

दुनिया भर से मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन में आ आकर बसने वाले ज़ायोनी लोगों को सामान्य नागरिक नहीं कहा जा सकता है, बल्कि वे आक्रमणकारी, हड़पने वाले, कानून तोड़ने वाले और क़ुद्स के इस्लामी और ईसाई पवित्र स्थलों का अपमान करने वाले है।


फ़िलिस्तीन पर कब्ज़ा करने वाले ज़ायोनी अतिक्रमणकारियों के बारे में एक बड़ा क़दम उठाते हुए मिस्र की प्रसिद्ध अल-अज़हर यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट और साफ़ शब्दों में कहा कि फ़िलिस्तीन में आकर बसने वाले ज़ायोनी आप्रवासियों में से कोई भी सामान्य नागरिक नहीं है और उन पर गैर-सैन्य लोगों के नियम लागू नहीं होते।

मिस्र के अल-यौम अस-साबे अखबार ने अल-अजहर वर्ल्ड सेंटर का हवाला देते हुए लिखा: फिलिस्तीनी राष्ट्र लगभग एक सदी से निरंकुश अतिक्रमणकारी ताकतों द्वारा संगठित आतंकवाद, उत्पीड़न और अन्यायपूर्ण दबाव, निर्वासन और क्रूर नरसंहार से पीड़ित है। उनके बुनियादी अधिकारों पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया, वे विश्व शक्तियों दोगली नीतियों का शिकार बनते आ रहे है ।

इस बयान में फिलिस्तीनी राष्ट्र के शानदार प्रतिरोध का जिक्र करते हुए इस बात पर जोर दिया गया है कि फिलिस्तीनी राष्ट्र बर्बर ज़ायोनी बमबारी और अन्य सभी खतरों के बावजूद अपनी भूमि पर दृढ़ता और धैर्य के साथ खड़ा है, जो अद्वितीय है। उनका अद्वितीय जज़्बा और उनकी मज़लूमी उस दुनिया की एक नैतिक और मानवीय परीक्षा के लिए पर्याप्त है, जो इस्राईल के ज़ुल और अत्याचार के आगे चुप है और साम्राज्यवाद से डरती है।

अल-अजहर के अनुसार: दुनिया भर से मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन में आ आकर बसने वाले ज़ायोनी लोगों को सामान्य नागरिक नहीं कहा जा सकता है, बल्कि वे आक्रमणकारी, हड़पने वाले, कानून तोड़ने वाले और क़ुद्स के इस्लामी और ईसाई पवित्र स्थलों का अपमान करने वाले है।

अल-अजहर ने हालिया दिनों में ज़ायोनी शासन के अपराधों का उल्लेख करते हुए कहा कि : फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ ज़ायोनी शासन द्वारा किए गए क्रूर नरसंहार युद्ध अपराध हैं जिनकी सजा देर-सबेर दी जाएगी। और इन अपराधों को अंजाम देने वालों के नाम इतिहास के पन्नों में अपमान के रूप में अंकित रहेंगे।