इस बीच वहीं इस्राईल की आतंकी सेना का कहना है कि उसने ग़ाज़ा पट्टी पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं और चेतावनी दी है कि हमास को इसकी बड़ी क़ीमत चुकानी होगी। वहीं जानकारों का कहना है कि जो इस्राईल 70 वर्षों से फ़िलिस्तीनियों का ख़ून बहा रहा है, जब वह यह कहता है कि बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ेगी तो यहां यह सवाल उठता है कि कौन सी बड़ी क़ीमत, जिस देश के लोगों के घरों को उजाड़कर तुमने उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया है, जिन फ़िलिस्तीनी बच्चों को बड़ा होने से पहले ही तुम मौत के घाट उतार देते हो, उन्हें किस बड़ी क़ीमत की चेतावनी दे रहे हो? फ़िलिस्तीन की जनता तो 70 वर्षों से उस क़ीमत को चुका रही है, अब समय आ गया है कि तुम अपने पापों, अपराधों और अत्याचारों का हिसाब दो।
फ़िलिस्तीन का इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास, जिसके कमांडरों की चुन-चुनकर इस्राईल हत्याएं करता है, आज उसी हमास ने केवल 20 मिनट के भीतर इस्राईल पर पांच हज़ार रॉकेट दागे हैं। इस समय इस्राईल के अस्पतालों में घायलों के इलाज के लिए जगह नहीं दिखाई दे रही है। कल तक फ़िलिस्तीनियों के शवों पर लात मारकर ख़ुशियां मानने वाले कट्टरपंथी ज़ायोनी आज अपनी जान बचाने के लिए बिना चप्पलों के नंगे पैर सड़कों पर इधर-उधर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस बीच शनिवार सवेरे हमास के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने हमास मीडिया सेल के ज़रिए पर "अलअक़सा तूफ़ान" सैन्य अभियान की घोषणा की थी और सभी फ़लस्तीनियों से अपील की थी कि जो जहां हैं, वहीं से लड़ाई में हिस्सा ले।