AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
सोमवार

2 अक्तूबर 2023

9:32:04 am
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केन्या के स्टूडेंट्स, मुबल्लेग़ीन, उलमा और जवानों का सम्मलेन

रसूले इस्लाम के ज़माने में कुछ लोग मोजिज़ा देख कर भी बहाना बनाते थे लेकिन हब्शा के बिलाल थे जिन्होंने


केन्या की राजधानी नैरोबी में छात्रों, प्रचारकों और धार्मिक विद्वानों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमे विभिन्न शहरों और क्षेत्रों में सक्रिय दर्जनों उलमा, मुबल्लिग़ और छात्रों ने हिस्सा लिया। इस सत्र की शुरुआत में, प्रत्येक प्रतिभागी ने अपनी गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया।

नैरोबी में जाफरी इस्लामिक सेंटर के इमाम हुज्जतुल-इस्लाम शैख़ अली समोजा ने कहा कि धार्मिक उपदेशकों को लगातार अपने ज्ञान और उपदेश कौशल को मजबूत करना चाहिए ताकि वे अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से निभा सकें और अपनी प्रभावशीलता बढ़ा सकें।

उन्होंने कहा कि अफ्रीका में ईमान, इस्लाम और अहले बैत अस की आइडियालोजी का दायरा बढ़ रहा है और बड़ी संख्या में लोग इस मकतब में शामिल हो रहे हैं। इसलिए हमारी ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है और हमारे पास अवसर है कि हम अपनी सामाजिक और धार्मिक ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए खुद को अच्छी तरह तैयार कर सकें।

इस सम्मलेन में मुख्य अथिति के रूप में मौजूद अहले बैत वर्ल्ड असेम्ब्ली के जनरल सेक्रेटरी आयतुल्लाह रज़ा रमजानी ने अफ्रीका में इस्लाम के बढ़ते प्रभाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि रसूले इस्लाम के ज़माने में कुछ लोग मोजिज़ा देख कर भी बहाना बनाते थे लेकिन हब्शा के बिलाल थे जिन्होंने उस ज़माने में भी रसूले इस्लाम की नेक तालीम से प्रभावित होकर इस्लाम स्वीकार किया। यह अफ्रीकी समाज के लिए गौरव की बात है।