सैन्य तख्तापलट के बाद अफ्रीकी देशों के आर्थिक समूहों की तरफ से सैन्य कार्रवाई के खतरे का सामना कर रहे नाइजर ने अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी को झटका देते हुए साम्राज्यवादी शक्तियों के आगे झुकने से साफ इनकार करते हुए इन देशों के राजदूतों 48 घंटे के अंदर अंदर देश से निकल जाने का आदेश सुनाया है।
वहीं, नाइजर के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की धमकी देने वाले अफ्रीकी देशों के समूह ECOWAS कमिश्नरेट के प्रमुख ने कहा, ECOWAS का नाइजर पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है, और हम वहां की कानूनी व्यवस्था को बहाल करने के लिए सभी विकल्प पर ग़ौर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नाइजर में सैन्य हस्तक्षेप की संभावना मौजूद है। ECOWAS नाइजर सैन्य परिषद द्वारा निर्धारित तीन-वर्षीय योजना को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
वहीँ इस अफ्रीकी देश के मामले से फ्रांस को दूर रखने के लिए नाइजर के सैन्य शासकों की समिति ने फ्रांसीसी राजदूत को देश छोड़ने के लिए अड़तालीस घंटे का समय दिया है।
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि तख्तापलट की योजना बनाने वालों के पास हमारे राजदूत को देश से निकालने की आज़ादी नहीं है।
नाइजर सैन्य परिषद ने जर्मन राजदूत के लिए 48 घंटे की समय सीमा तय की, और फिर अमेरिकी राजदूत को भी नाइजर छोड़ने के लिए कहा है। वाशिंगटन की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया है कि सैन्य परिषद के पास ऐसा करने का न तो कोई अधिकार है और न ही कोई कारण। नाइजर ने पड़ोसी नाइजीरिया के राजदूत को भी अपना देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया है।