अमेरिका के साये में अरब और कई मुस्लिम देशों के साथ अपने रिश्ते सुधारने में लगे इस्राईल को अल्जीरिया ने ज़ोर का झटका देते हुए साफ़ कहा है कि हम इस्राईल से संबंधों को सामान्य नहीं करेंगे।
अल्जीरिया पार्लियामेंट के डिप्टी स्पीकर मूसा ख़रफ़ी ने कहा कि उत्तरी अफ़्रीका में ज़ायोनी शासन की उपस्थिति और ट्यूनीशिया के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए इस शासन की कोशिशें इस अवैध राष्ट्र को वैधता प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अल्जीरिया अभी भी ज़ायोनी लॉबी की इस मुहीम के मुक़ाबले में डटा हुआ चाहे हम अपने इस रुख और इस्राईल विरोधी स्टैंड में अकेले ही रह जाएं।
अल्जीरियाई संसद के उपाध्यक्ष ने कहा कि हमारा देश इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सामान्य नहीं करेगा, भले ही ज़ायोनीवादियों के साथ मिलीभगत न करने की हमे कितनी ही बड़ी कीमत चुकानी पड़े।
खरफी ने कहा कि अल्जीरिया इस्राईल के साथ रिश्तों को सामान्य करने की किसी भी कोशिश का कट्टर विरोधी है। हम कई दशकों से उपनिवेश का शिकार रहे हैं और दुश्मन की हकीकत से अच्छी तरह वाकिफ है।
उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन के साथ क्षेत्रीय देशों के शासकों ने रिश्ते बहाल किये हैं जबकि इलाक़े की जनता ज़ायोनी राष्ट्र के खिलाफ है। यह रिश्ते केवल सरकार की हद तक है, जनता इसकी कट्टर विरोधी है।
अल्जीरिया पार्लियामेंट के डिप्टी स्पीकर मूसा ख़रफ़ी ने कहा कि हम इस्राईल को एक अतिक्रमणकारी अवैध राष्ट्र मानते हैं जो कभी भी अरब जगत का हिस्सा नहीं बन सकता।