नाइजर की राजधानी नियामे में 26 जुलाई को विद्रोह हुआ और राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को जेल में डाल दिया गया. तख्तापलट के बाद मोहम्मद अबदुर्रहमान चियानी नए राष्ट्रपति बने हैं. नए राष्ट्रपति ने सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए सीक्रेट समझौता किया है, जिससे अमेरिका तक कोहराम मच गया. फ्रांस मीडिया का दावा है कि नाइजर ‘सैन्य सरकार’ ने वैगनर PMC ग्रुप के साथ करार किया है. वैगनर कई अफ्रीकी देशों में सुरक्षा का काम संभालता है. नाइजर में यूरेनियम खदानों की जिम्मेदारी वैगनर को मिल सकती है. वैगनर के हाथ में यूरेनियम कंट्रोल जाने का मतलब है सुपर पावर्स पर सीधा असर और इसीलिए पश्चिमी अफ्रीका में जंग के हालात बन गए हैं.
पश्चिमी अफ्रीका, रूस और अमेरिका की जंग का नया अखाड़ा बनता जा रहा है. इस क्षेत्र में नाइजर देश की सत्ता का तख्तापलट होने के बाद रूस बनाम अमेरिका की जंग छिड़ गई है. यहां भी अफ्रीकी देशों की खेमेबंदी शुरू हो चुकी है. अमेरिका और रूस की सैन्य गतिविधियां बढ़ रही हैं. आशंका है कि यहां वैनगर PMC ग्रुप और अमेरिका के बीच जंग छिड़ सकती है. नाइजर की नई नवेली सैन्य सरकार ने वैगनर से मदद मांगी है. दरअसल दोनों ही नाइजर पर अपना अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं, आखिर क्यों वेस्ट अफ्रीका में तनाव बढ़ रहा है।
नाइजर में तख्तापलट पर दो गुट आमने-सामने आ गए हैं. 15 देशों के संगठन ECOWAS यानी इकॉनोमिक कम्यूनिटी ऑफ वेस्टर्न अफ्रीकन स्टेट्स के सेना प्रमुखों की बैठक हुई है. बैठक के बाद नाइजर के कमांडर अब्दुर्रहमान को नाइजीरिया ने अल्टीमेटम दे दिया है. सेना के सत्ता न छोड़ने पर हमले का ऐलान किया जा चुका है. नाइजीरिया में जॉइंट ऑपरेशन की तैयारी चल रही है. नाइजर के पड़ोसी देश में अमेरिकी ने सैन्य गतिविधि बढ़ा दी है. बेनिन में US का C17 मिलिट्री एयरक्राफ्ट पहुंच चुका है.
दरअसल, नए राष्ट्रपति अब्दुर्रहमान रूस के समर्थक हैं. ECOWAS की बैठक और अमेरिका की बढ़ती सैन्य गतिविधि के बाद एक बार फिर नियामें रूसी झंडे के साथ प्रदर्शन शुरू हो गए. नियामे में जनता सड़कों पर उतरकर तख्तापलट करने वाले मोहम्मद अबदुर्रहमान चियानी और रूस का समर्थन कर रही है. नाइजर में विदेशी दखल के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. रूस अमेरिका के वर्चस्व की जंग में अफ्रीका में नया जंगी मोर्चा तैयार हो चुका है.