राजनीतिक संकट और गृहयुद्ध के खतरे से जूझ रहे इस्राईल के राष्ट्रपति ने लेबनान के सबसे प्रभावी राजनीतिक दल और लोकप्रिय जनांदोलन हिज़बुल्लाह को धमकी देते हुए कहा है कि बेहतर होगा हिज़बुल्लाह हमारे धैर्य की परीक्षा ना ले।
लेबनान सीमा के निकट एक प्रोग्राम को संबोधित करते हुए जायोनी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं अपने दुश्मनों और ख़ास कर सीमा पार मौजूद हिज़बुल्लाह बता देना चाहता हूं कि कोई गलती ना करें, इस्राईल की सेना बेहद शक्तिशाली है, हम एकजुट हैं और अपनी अखंडता और सुरक्षा की हिफाजत करने में सक्षम है।
ज़ायोनी राष्ट्रपति का यह बयान उस समय सामने आया है जब इस्राईल के प्रधानमंत्री के विवादास्पद न्यायिक सुधार योजना के बाद इस्राईल में आंतरिक विभाजन बढ़ रहा है। साथ में सेना भी खुलकर बगावत पर उतर आई है। सैनिक सेना का साथ छोड़ रहे हैं । कम से कम 10000 सैन्य अफसरों ने सेना में सर्विस देने से मना कर दिया है।
कुछ समय पहले ही , इस्राईली सेना के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ गैदी आइजनकोट ने ज़ायोनी संसद में एक भाषण में इस बात पर जोर दिया था कि तल अवीव एक बहुत ही जटिल और खतरनाक स्थिति का सामना कर रहा है जो पहले कभी नहीं देखी गई थी।
आइजनकोट ने कहा कि "क्षेत्र में इस्राईल की प्रतिरोधक क्षमता उस स्तर तक कमजोर हो गई है जो हाल के दशकों में नहीं देखा गई ।
ज़ायोनी शासन की सैन्य खुफिया शाखा ने भी चेतावनी दी है कि हिज़्बुल्लाह के खिलाफ जायोनी शासन की प्रतिरोधक क्षमता में कमी से उत्तरी मोर्चे पर चौतरफा युद्ध और संघर्ष शुरू हो सकता है।