AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
सोमवार

31 जुलाई 2023

5:18:01 pm
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डेनमार्क और स्वीडन मुस्लिम देशों के सामने नतमस्तक, क़ुरान जलाने के ख़िलाफ़ बनाएंगे क़ानून

आख़िरकार डेनमार्क ने मुस्लिम देशों के विरोध और दबाव के आगे झुकते हुए, तथाकथित अभिव्यक्ति के नाम पर धार्मिक ग्रंथों ख़ास तौर पर क़ुरान को जलाने वाले प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए क़ानून पारित करने का एलान किया है।

डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके सासमुसेन ने रविवार को कहा कि क़ुरान को जलाना, अत्यंत आपत्तिजनक कृत्य है। इस तरह के कृत्य करने वाले कुछ लोग, उन मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, जो डेनिश समाज का आधार हैं।

उन्होंने कहा कि डेनिश सरकार उन विशेष स्थितियों में हस्तक्षेप की संभावना तलाश रही है, जहां अन्य देशों, संस्कृतियों और धर्मों का अपमान किया जाता है, और परिणाम स्वरूप कम से कम सुरक्षा के संबंध में इसका डेनमार्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।ग़ौरतलब है कि यूरोपीय देशों ख़ास तौर पर डेनमार्क और स्वीडन में पिछले कुछ वर्षों से अभिव्यक्ति की आज़ादी के बहाने लगातार इस्लामी प्रतीकों, धार्मिक विश्वासों और पवित्र धार्मिक ग्रंथ क़ुरान को निशाना बनाया जा रहा है। मुस्लिम राष्ट्र विश्व भर के करोड़ों मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले इस तरह के कृत्यों पर पाबंदी की मांग करते रहे हैं। हाल ही में स्वीडन और डेनमार्क में तुर्किए और इराक़ के दूतावासों के सामने प्रदर्शन के बहाने पवित्र क़ुरान को जलाया गया, जिसके बाद दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुए और मुस्लिम देशों ने यूरोपीय देशों से इस तरह के कृत्यों पर रोक लगाने के लिए दबाव डाला। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है, लेकिन दूसरों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की क़ीमत पर ऐसा करना, निश्चित रूप से अराजकता है, जिससे चरमपंथ और कट्टरवाद को बढ़ावा मिलता है। स्वीडन के प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि क़ुरान या किसी भी धार्मिक ग्रंथ को जलाने वाले विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए क़ानून बनाने को लेकर देश में काम किया जा रहा है। स्वीडिश प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने अपने एक बयान में कहा है कि हमने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और दुनिया भर में स्वीडन की सुरक्षा को मज़बूत बनाने के उपायों पर विचार करना और क़ानूनी स्थिति का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। 

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