AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
बुधवार

26 जुलाई 2023

4:02:24 pm
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ऊंट पहाड़ के नीचे आने लगा, सैयद नसरुल्लाह द्वारा कही बात पर इस्राईली समाचार पत्र ने लगाई मुहर

हिब्रू भाषा के एक समाचार पत्र ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में गंभीर राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का ज़िक्र करते हुए, यह स्वीकार किया कि ज़ायोनी शासन की तुलना मकड़ी के जाले से भी कमज़ोर करने के संबंध में हिज़बुल्लाह के महासचिव की बात पूरी तरह सच पर आधारित है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने 25 मई वर्ष 2000 को अपने एक भाषण में कहा था कि इस्राईल मकड़ी के जाले से भी कमज़ोर है और उनकी यह बात उस समय से लेकर आज तक जायोनियों को अच्छी तरह याद है। इस समय इस्राईल में जो हालात हैं उसको देखते हुए अब ज़ायोनी शासन के समाचार पत्र और बड़े-बड़े राजनीतिक टीकाकार इस बात को स्वीकार करते हुए नज़र आ रहे हैं कि सैयद नसरुल्लाह ने इस्राईल के संबंध में जो बातें कही थीं वे लगभग सभी सच साबित होती दिखाई दे रही हैं। अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में नेतन्याहू की कैबिनेट के ख़िलाफ़ हर दिन उग्र होते प्रदर्शन को देखते हुए हिब्रू भाषा में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र हारेत्ज़ ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि हिज़बुल्लाह के महासचिव "सैयद हसन नसरुल्लाह" की "मकड़ी का जाल" वाली थ्योरी सच हो गई है। हारेत्ज़ ने आगे यह भी लिखा है कि इस्राईल अपने पतन की ओर आगे बढ़ रहा है। वायु सेना नेष्ट हो रही है, सेना के ज्वाइंट स्टाफ के कमांडरों ने सेना की ताक़त को पहुंचने वाले नुक़सान की बात स्वीकार कर ली है और यह आशा व्यक्त की जा रही है कि सेना के स्थायी बल रिज़र्व बलों के विरोध की लहर में शामिल हो जायेंगे और सैन्य सेवा छोड़ देंगे।

हारेत्ज़ की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने पिछले महीनों के दौरान सेना को चेतावनी दी थी कि वे विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ दमनकारी कार्यवाही नहीं करेंगे। चेतावनी देने वाले लोगों में कई विशेषज्ञ भी शामिल थे, जिनका कहना था कि अगर सेना ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल का प्रयोग किया तो उसका अंजाम बुरा होगा। लेकिन नेतन्याहू ने किसी भी विशेषज्ञ की चेतावनियों और अर्थव्यवस्था के विनाश और अंतर्राष्ट्रीय दबावों से संबंधित ख़तरों पर ध्यान नहीं दिया। वहीं अब नेतन्याहू के पास अपने निर्णयों से पीछे हटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। हारेत्ज़ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस बात की संभावना बहुत कम पाई जाती है कि इस्राईल में होने वाली हिंसक झड़पें रुक जाएंगी। बल्कि अब स्थिति और ज़्यादा ख़राब हो चुकी है क्योंकि अब हम रिज़र्व बलों और अन्य सैन्य बलों के बीच टकराव होता देख रहे हैं। (RZ)

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