हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल की तरह इस साल भी कर्बला में हजरत अब्बास अलमदार (अ.स) के ख़ादिमों ने रौज़े में इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ा की याद में ख़ेमा स्थापित किया।
पहली मुहर्रम से 10वीं मुहर्रम तक अंजुमनें हजरत अब्बास अमलदार (अ.स.) के रौज़े में इसी ख़ेमे के नीचे खड़े होकर कर्बला के शहीदों की याद मनाती हैं।
मुहर्रम आने में अभी जब पूरा एक हफ्ता बाकी था, लेकिन मुहर्रम की तैयारियां पहले से शुरू हो गई हैं, यही वजह है कि इस्तेक़बाले अज़ा के सिलसिले में हजरत अब्बास (अ.स.) के हरम में पहला मातमी तम्बू लगाया गया है। हर तरफ़ तैयारियां शुरू हो गई हैं, जल्द ही ग़दीर और ईद मुबहेला के परचम हरम की दीवारों से हटा दिए जाएंगे और उनकी जगह अज़ा के परचम नस्ब किए जाऐंगे।
हर साल मुहर्रम से एक हफ्ते पहले हजरत अब्बास (अ.स.) और इमाम हुसैन (अ.स.) के रौज़ों को काले कपड़ों से ढक दिया जाता है और चाँद रात को इमाम हुसैन (अ.स.) के रौज़े के गुंबद पर काला झंडा लगाया जाता है।