AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
गुरुवार

13 जुलाई 2023

8:21:00 am
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हिज़्बुल्लाह लेबनान ने 33 दिवसीय युद्ध में अमेरिका की "ग्रेटर मिडिल ईस्ट" योजना का जनाज़ा निकाल दिया

जुलाई 2006 का युद्ध लेबनान और क्षेत्र के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण, महान और निर्णायक घटना थी। अमेरिका के घिनौने मंसूबे को उजागर करने के लिए सिर्फ उस मिशन का ज़िक्र करना ही काफी है जो कामयाब रहता तो एक नए मध्य पूर्व का उदय होता ।


लेबनान के प्रतिरोधी आंदोलन और मजबूत राजनीतिक दल हिजबुल्लाह के महासचिव सय्यद हसन नसरुल्लाह ने अवैध ज़ायोनी राष्ट्र के खिलाफ होने वाले 33 दिवसीय युद्ध की सालगिरह पर आयोजित एक समारोह में कहा कि इस युद्ध हिजबुल्लाह की जीत और दुश्मन की शर्मनाक हार के साथ ही पूरे क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की अमेरिकी योजना चकनाचूर हो गई और अमेरिका का ग्रेटर मिडिल ईस्ट का सपना साकार होने से पहले ही टूट गया।

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा, "जुलाई 2006 का युद्ध लेबनान और क्षेत्र के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण, महान और निर्णायक घटना थी। अमेरिका के घिनौने मंसूबे को उजागर करने के लिए सिर्फ उस मिशन का ज़िक्र करना ही काफी है जो कामयाब रहता तो एक नए मध्य पूर्व का उदय होता ।

अगर नए मध्य पूर्व की स्थापना हो जाती, तो क्षेत्र के देशों ने इस्राईल को मान्यता दे दी होती, फ़िलिस्तीन और गोलान पर इस्राईल का कब्ज़ा होता, लेबनान इस्राईल के अधीन होता, और संयुक्त राज्य अमेरिका की पूर्ण सर्वोच्चता के साथ, अवैध राष्ट्र क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो गया होता। यह योजना लेबनान में विफल रही और फिलिस्तीनी और इराकी प्रतिरोध के साथ-साथ सीरिया और ईरान की स्थिरता ने दुश्मन की योजनाओं को विफल कर दिया।

हसन नसरुल्लाह ने स्वीडन में पवित्र कुरान के अपमान पर बात करते हुए कहा कि दुनिया के हर सभ्य इंसान के ऐसे कृत्य की निंदा करनी चाहिए, यह कोई साधारण बात नहीं है. कोई ईसाई व्यक्ति मुसलमानों की पवित्र पुस्तक का अपमान करे उनकी आस्था को ठेस पहुँचाए उनका अपमान करे यह कोई व्यक्तिगत मामला या व्यक्तिगत द्वेष नहीं है, बल्कि इस कृत्य के पीछे एक सोची-समझी साजिश है।

जब इस अपराधी और मोसाद के बीच संबंधों का पता लगाया गया तो पता चला कि एक शैतानी समूह है जो मुसलमानों और ईसाइयों के बीच युद्ध और संघर्ष भड़काना चाहता है। इस प्रकार के दुष्ट समूह दुनिया भर में मुसलमानों और ईसाइयों के बीच मनमुटाव और मतभेद पैदा करना चाहते हैं।