AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
मंगलवार

11 जुलाई 2023

6:56:05 pm
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अर्दोगान, पुतिन को नाराज़ करके बाइडन से क्या चाहते हैं?

नेटो में स्वीडन की सदस्यता पर मचने वाले राजनीतिक बवाल के बाद, आख़िरकार तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान ने नेटो में स्वीडन की सदस्यता पर सहमति जता दी है।

लिथुआनिया में नेटो शिखर सम्मेलन की शुरुआत से कुछ घंटे पहले नेटो के प्रमुख येन्स स्टोलटनबर्ग ने कहा कि तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान इस सैन्य गठबंधन में स्वीडन को शामिल करने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अर्दोगान, स्वीडन की सदस्यता से संबंधित प्रोटोकॉल को जल्द से जल्द संसद में पेश करने का प्रयास करेंगे।

रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने और पूर्वी यूरोप में संघर्ष में वृद्धि के कारण, स्वीडन ने कि जिसने इससे पहले तक यूरोप में तटस्थ रुख़ अपना रखा था, फ़िनलैंड के साथ नेटो में शामिल होने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध का पश्चिमी देशों ने आगे बढ़कर स्वागत किया। लेकिन तुर्किए ने इस अनुरोध के संबंध में एक अलग रुख़ अपनाया। अंकारा के अधिकारियों ने स्वीडिश सरकार पर आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाया और अर्दोगान ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि तुर्की नेटो में स्वीडन की सदस्यता के लिए तब तक सहमत नहीं होगा जब तक वह उसकी शर्तों को पूरा नहीं करेगा।

अर्दोगान सरकार के इस रुख़ के बाद, तुर्किए पर पश्चिमी देशों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया और पश्चिमी नेताओं ने तुर्किए को स्वीडन की सदस्यता स्वीकार करने के लिए मनाने की कोशिश की।

तुर्किए ने स्वीडन पर कुर्द आतंकवादियों को पनाह देने और उनका समर्थन करने का आरोप लगाते हुए उसके आवेदन को कई महीने तक लटकाए रखा। नेटो के 31 सदस्यों में से एक होने के नाते तुर्की के पास किसी भी नए देश को इस गठबंधन में शामिल होने से रोकने के लिए वीटो पावर है।

दरअसल, रूस को रोकने के लिए वाशिंगटन के साथ गठबंधन करने वाले यूरोपीय देश लंबे समय से स्वीडन को नेटो में शामिल करना चाहते थे, ताकि नेटो की उत्तरी शाख़ा बनाकर रूस के खिलाफ़ घेरेबंदी का चक्र पूरा किया जा सके।

माना जा रहा है कि अंकारा के रुख़ में बदलाव के बाद अगर स्वीडन नेटो का सदस्य बनता है, तो तुर्किए और रूस के बीच तनाव बढ़ जाएगा। हालिया महीनों के दौरान मास्को ने पूर्वी यूरोप में नेटो के विस्तारवाद के बारे में बार-बार चेतावनी दी है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ख़ारोवा ने हाल ही में कहा थाः जब दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ, तो हिटलर ने सोवियत संघ के ख़िलाफ़ युद्ध के नाम पर कई यूरोपीय देशों को लामबंद किया। आज नेटो और यूरोपीय संघ इसी तरह काम कर रहे हैं और रूस से लड़ने के लिए एक नया गठबंधन बना रहे हैं।

नेटो में स्वीडन की सदस्यता पर तुर्किए की सहमति पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह राष्ट्रपति अर्दोगान की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं। यहां सवाल यह है कि अर्दोगान, पुतिन को नाराज़ करके बाइडन से क्या चाहते हैं?

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