अर्दोगान ने सीरियाई संकट में असद सरकार विरोधी चरमपंथी गुटों का साथ दिया था, लेकिन इन गुटों की पराजय के साथ ही उसने अपना रुख़ काफ़ी हद तक बदल लिया।
हाल ही में तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान ने अपने सीरियाई समकक्ष बशार असद से मुलाक़ात की इच्छा ज़ाहिर की थी।
लेकिन दमिश्क़ का कहना है कि जब तक ग़ैर क़ानूनी रूप से तुर्क सैनिक सीरियाई सीमाओं में हैं, दोनों नेताओं के बीच मुलाक़ात का कोई मतलब नहीं है।
तुर्किए ने आतकंवाद से मुक़ाबले के बहाने क़रीब तीन साल पहले सीरिया के उत्तर और उत्तर पूर्वी इलाक़ों में अपने सैनिक तैनात कर दिए और इन इलाक़ों पर क़ब्ज़ा कर लिया था।
इस संदर्भ में क़बलान ने कहाः सीरियाई इलाक़ों से वापसी के लिए तुर्क सरकार को निर्णय लेना होगा और यह शर्त है, जिस के बारे में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। msm
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