AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
रविवार

9 जुलाई 2023

7:45:31 pm
1378251

रूस-यूक्रेन युद्ध आरंभ होने की अस्ल वजह क्या है?

रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह युद्ध कब तक जारी रहेगा।

फरवरी 2022 में जब यह युद्ध आरंभ हुआ था तो प्रतीत यह हो रहा था कि कुछ ही दिनों में यह युद्ध समाप्त हो जायेगा परंतु इस युद्ध को आरंभ हुए एक साल से अधिक का समय हो रहा है और अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह युद्ध कब तक चलेगा।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने गुरूवार 24 फरवरी 2022 को अपने टीवी संबोधन में एलान किया था कि इस देश की सेनाएं डोनबास क्षेत्र में विशेष सैन्य ऑपरेशन अंजाम देंगी। उसके बाद रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेनी सैनिकों का आह्वान किया कि वे आत्म समर्पण कर दें परंतु यूक्रेन के सैनिकों ने उनके आह्वान पर कोई ध्यान नहीं दिया।

इस युद्ध की सबसे बड़ी और मुख्य वजह यह थी कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाहता है और उसकी इस इच्छा को रूस अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा समझता है।

रूस ने यूक्रेन से कई बार आह्वान किया कि वह इस मांग को छोड़ दे परंतु वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटा और नाटो का सदस्य बनने की मांग आज भी कर रहा है परंतु आज तक उसे नाटो की सदस्यता नहीं दी गयी।

यूक्रेन यह समझता है कि नाटो का सदस्य बन जाने से उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो जायेगी पंरतु रूस ने जब यह देखा कि यूक्रेन अभी नाटो का सदस्य नहीं बना है और अमेरिकी ड्रोन उसकी सीमा के निकट उड़ रहे और जासूसी कार्यवाहियां कर रहे हैं तो उसने इस चीज़ को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा समझा और विशेष सैन्य अभ्यास आरंभ कर दिया।

24 फरवरी 2022 से अब तक दोनों पक्षों के हज़ारों सैनिक और गैर सैनिक इस युद्ध में मारे जा चुके हैं। दूसरे शब्दों में जान माल की भारी तबाही हो चुकी है परंतु यूरोपी और पश्चिमी देशों विशेषकर अमेरिकी समर्थन के कारण यह युद्ध जारी है और निकट भविष्य में इस युद्ध के समाप्त होने के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।

जानकार हल्कों का मानना है कि इस युद्ध की आग जिन देशों विशेषकर अमेरिका ने लगाई है जबतक उनके दृष्टिकोणों में बदलाव नहीं आयेगा तब तक इस युद्ध के समाप्त होने की कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती।

सवाल यह पैदा होता है कि पश्चिमी व यूरोपीय देशों विशेषकर अमेरिका ने इस युद्ध की आग क्यों लगाई और इससे वे क्या हासिल करना चाहते हैं? इसके जवाब में जानकार हल्कों का कहना है कि अमेरिका और रूस में वर्षों से दुश्मनी चली आ रही है और यह वह चीज़ है जो किसी से पोशीदा नहीं है।

अमेरिका पूरी दुनिया पर एकक्षत्र राज चाहता है और इस दिशा में वह रूस को सबसे बड़ी रुकावट के रूप में देखता है और जब तक रूस शक्तिशाली देश के रूप में मौजूद रहेगा तब तक अमेरिका की हार्दिक इच्छा पूरी नहीं हो सकती। इसलिए रूस को कमज़ोर करना बहुत ज़रूरी था।

चूंकि रूस से सीधा टकराने के लिए अमेरिका के अंदर साहस नहीं था तो इसलिए उसने यूक्रेन को बलि का बकरा बना दिया और युद्ध की आग लगाकर यूक्रेन के लिए हथियारों की सप्ताई करने लगा और इस संबंध में वह न जाने कितने अरब का हथियार यूक्रेन को दे चुका है।

दूसरे शब्दों में जब पश्चिमी व यूरोपीय देश विशेषकर अमेरिका रूस-यूक्रेन युद्ध में हथियारों की सप्ताई करके आग में घी डालने का काम करते रहेंगे तब तक इस युद्ध के समाप्त होने की आकांक्षा नहीं करना चाहिये और यह पश्चिमी व यूरोपीय देशों और अमेरिकी नीतियों का परिणाम है जिसके नतीजे में यूक्रेन एक खंडर व कमज़ोर देश बनता जा रहा है। MM

342/