उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के खिलाफ प्रतिबंधों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव के बावजूद, देश में मुद्रा का मूल्य स्थिर है और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन से देश की अर्थव्यवस्था विकसित होगी।
तालिबान की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री का यह बयान तब सामने आया है जब संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता समन्वयक समेत मानवीय संगठनों ने अफगानिस्तान में आर्थिक संकट, भूख और गरीबी को लेकर चेतावनी दी है। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने करीब 2 महीने पहले अफगानिस्तान को लेकर एक बैठक में कहा था कि अफगानिस्तान में 28 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत है, जिनमें से 6 मिलियन लोग अकाल से पीड़ित हैं।