कैथोलिक इसाइयों के धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने अभी हाल में हंगरी की यात्रा की है जहां पर उन्होंने यूरोप में बढ़ते राष्ट्रवाद के प्रति सचेत किया है।
अपनी बीमारी के बाद स्वस्थ्य होने पर उन्होंने हंगरी की तीन दिवसीय यात्रा शुक्रवार को शुरू की थी। इसाइयों के धर्मगुरू ने हंगी के प्रधानमंत्री विक्टर आर्बन के साथ यूक्रेन युद्ध सहित कई मुद्दों पर बातचीत की।
पोप फ्रांसिस ने हंगरी की सरकार से अनुरोध किया है कि अन्य यूरोपीय देशों के साथ मिलकर वह अधिक से अधिक पलायनकर्ताओं को अपने यहां जगह दें। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान पर फिर बल दिया है। पोप का मानना है कि यूक्रेन युद्ध को शांति के माध्यम से समाप्त किया जाए।
याद रहे कि यूक्रेन युद्ध के साथ ही यूरोप में पलायनकर्ताओं का संकट बहुत बढ़ गया है। इस समय वहां पर यूक्रेन के पलायनकर्ताओं को लेकर कई प्रकार की समायाएं सामने आ रही हैं। उल्लेखनीय है कि हंगरी, यूक्रेन के स्वावलंबन का तो समर्थन करता है किंतु रूस के साथ भी उसके आर्थिक संबन्ध हैं। हंगरी के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के लिए हथियार नहीं भेजे हैं।
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