AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
सोमवार

27 मार्च 2023

12:00:44 pm
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फ़्रांस की महिला मंत्रियों से ईरान के चुभते सवाल!

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने फ्रांस में प्रदर्शनकारियों, खासकर महिलाओं के दमन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आम जनमत में जो सवाल उठ रहा है वह यह है कि यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के महिला और नारीवाद के ठेकेदार कहां हैं?

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता कनआनी ने एक ट्वीट में लिखा कि इस देश की पुलिस द्वारा फ्रांस में प्रदर्शनकारियों, विशेष रूप से महिलाओं के हिंसक दमन के दृश्यों को देखकर, यह सवाल अभी भी दुनिया और फ्रांस की महिलाओं के मन में उठ रहा है कि यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के महिला और नारीवाद के ठेकेदार कहां हैं और विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं के अधिकारों के समर्थन में उनके सामूहिक संगीत कार्यक्रम की कोई ख़बर क्यों नहीं है?

हालिया दिनों में पेंशन क़ानून संशोधन बिल को अंतिम रूप देने के लिए इस देश की नेशनल असेंबली को बायपास करने की फ्रांसीसी सरकार की कार्रवाई के बाद, फ्रांस में हड़तालों और विरोधों की एक बड़ी लहर शुरू हो गई है जिसमें महिलाओं की प्रमुख भूमिका है।

वास्तव में राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रॉ और प्रधान मंत्री एलिजाबेथ बर्न के संविधान के अनुच्छेद 49.3 को लागू करने का फ़ैसला करने के बाद से ही फ्रांस को नॉन-स्टॉप विरोध का सामना करना पड़ रहा है, यह वह तंत्र जो सरकार को नेशनल असेंबली की मंज़ूरी के बिना एक मसौदा बिल को मंजूरी देने की अनुमति देता है।

फ्रांस के गृहमंत्रालय ने 23 मार्च को घोषणा की कि पेंशन क़ानून में सुधारों के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन में दस लाख से अधिक प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किए लेकिन ले मोंड अखबार ने प्रदर्शनकारियों की संख्या 12 लाख और सबसे बड़े फ्रांसीसी ट्रेड यूनियन सीजीटी ने प्रदर्शनकारियों की संख्या 35 लाख बताई है। यह प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गये जिसके दौरान दर्जनों प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें बड़ी संख्या में फ्रांसीसी महिलाएं भी शामिल थीं।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता से पश्चिमी महिला मंत्रियों से फ़्रांस में व्यापक विरोध और उसमें महिलाओं के बढ़चढ़कर हिस्सा लेने के बारे में जब यह सवाल पूछा गया कि वे तो ख़ुद को महिलाओं के अधिकारों के रक्षक के रूप में पेश करती हैं, मानवाधिकारों का दम भरती हैं क्यों फ़्रांस में महिलाओं के दमन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखा रही हैं और उन्होंने मैक्रॉ सरकार की जबरदस्ती की कार्रवाइयों का विरोध क्यों नहीं कर रही हैं? जबकि इन्हीं महिला मंत्रियों ने ईरान में हालिया अशांति के दौरान ईरानी महिलाओं के अधिकारों का दावा करते हुए बारम्बार अपने बयानों और भाषणों में महिलाओं के अधिकारों के व्यापक उल्लंघन की बात कही थी।

इस बीच महिलाओं के अधिकारों की रक्षा का दावा करने वाले पश्चिमी देशों में महिलाओं की स्थिति पर नजर डालें तो पता चलता है कि इन देशों में महिलाएं और लड़कियां बुरी स्थिति का सामना कर रही हैं और उनके मानवाधिकारों की अनदेखी की जा रही है। फ्रांस में, जो मानवाधिकारों के क्षेत्र में पश्चिमी उदारवादी नारों के मुख्य दावेदारों में से एक है, महिलाओं और उनके अधिकारों के क्षेत्र में गंभीर स्थिति में है।

फ्रांस के गृहमंत्रालय मंत्रालय द्वारा 2021 में महिलाओं की हत्या के आंकड़ों पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अपने पति द्वारा यातनाओं का शिकार महिलाओं की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2020 से 2021 के बीच, इस देश में घरेलू हिंसा में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिनमें से अधिकांश शारीरिक हिंसा के कारण होती है। (AK)