AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

15 मार्च 2023

4:13:01 pm
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अफ़ग़ानिस्तान, लगभग 2 करोड़ लोगों को भुखमरी का सामना।

UN OCHA ने कहा कि 2006 में अफ़ग़ानिस्तान में 63 लाख लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत थी. गुज़रते समय के साथ यहाँ हालात सही होने के बजाए और बिगड़ते जा रहे हैं, 2020 में यह तादाद 1 करोड़ चालीस लाख हुई और अब यह तादाद बढ़कर 2 करोड़ 83 लाख हो गयी है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवीय सहायता को ऑर्डिनेशन ऑफिस ने अफ़ग़ानिस्तान के बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के हालात सही नहीं हैं। कम से कम 2 करोड़ लोग गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे हैं जबकि 60 लाख से ज़्यादा लोगों के सामने अकाल की मुश्किल है।

UN OCHA ने कहा कि 2006 में अफ़ग़ानिस्तान में 63 लाख लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत थी. गुज़रते समय के साथ यहाँ हालात सही होने के बजाए और बिगड़ते जा रहे हैं, 2020 में यह तादाद 1 करोड़ चालीस लाख हुई और अब यह तादाद बढ़कर 2 करोड़ 83 लाख हो गयी है।

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिन 28.3 मिलियन लोगों को फौरी इमदाद की ज़रूरत है हमने कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए उनमे से 23.8 मिलियन लोगों को प्राथमिकता दी है और उनके लिए 4.62 अरब डॉलर की तत्काल ज़रूरत है।

OCHA ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2021 की शुरुआत में यह तादाद 18.4 मिलियन थी जबकि 2022 में 24.4 मिलियन, अब इस में भारी वृध्दि के साथ यह संख्या 28.3 मिलियन तक आ गयी है।

मार्च 2023 तक लगभग 2 करोड़ लोग गंभीर रूप से भुखमरी का सामना कर रहे हैं, जबकि 60 लाख लोग अकाल की कगार पर खड़े हैं और ऊनी हालत बेहद गंभीर है।

बात करें कुपोषण और ढंग का खाना न होने की तो, अमेरिका और साम्राज्यवादी शक्तियों के ज़ुल्म का शिकार इस देश में कुपोषण की दर भी बहुत बुरी है, 2023 में लगभग 875,000 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण का शिकार हुए हैं. जबकि 23 लाख बच्चों और 840,000 महिलाओं को कुपोषण के कारण खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

अगर अफ़ग़ानिस्तान में तीसरे साल भी सूखा पड़ा रहा तो हालात 20% और बिगड़ सकते हैं।

दशकों तक जंग का अज़ाब और पिछले 2 सालसे सूखे का सामना कर रहे अफ़ग़ानिस्तान में आर्थिक मंदी भी क़हर ढा रही है. लगातार तीसरे साल भी देश में सूखे के साथ साथ दूसरी प्राकृतिक आपदा भी आम लोगों के जीवन को मुश्किल बनाए हुए है।

अफ़ग़ानिस्तान में बेरोज़गारी चरम पर है. देश के लगभग 80% परिवारों की आय में भारी कमी हुई है. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से देश के हालात और बुरे हुए हैं. इस देश को मिलने वाली विदेशी सहायता तो रुकी ही, अमेरिका ने भी अफ़ग़ानिस्तान के केंद्रीय बैंक की 7 अरब डॉलर की संपत्ति सीज़ कर दी जबकि रक़म का एक बड़ा हिस्सा आतंकवाद पीड़ित अमेरिकियों को हर्जाने के रूप में देने के नाम पर हड़प लिया।