अर्जन्टीना के समाचारपत्र daily La Nacion को दिये इन्टर्व्यू में कैथोलिक ईसाइयों के धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने कहा कि मैं इस शर्त के साथ यूक्रेन जाना चाहता हूं कि उसके फौरन बाद में रुस जा सकूं।उन्होंने कहा कि या तो मैं कीव और उसके बाद माॅस्को जाऊंगा या फिर कहीं नहीं जाऊंगा।
इससे पहले वेटिकन में यूक्रेन के दूत एंड्री यूराश ने बताया था कि इस बात की आशा पाई जाती है कि पोप फ्रांसिस निकट भविष्य में यूक्रेन की यात्रा कर सकते हैं। पोप फ्रांसिस यूक्रेन के पर आक्रमण की कई बार भर्त्सना कर चुके हैं। वे रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम का भी आह्वान कर चुके हैं।
उन्होंने कहा था कि यूक्रेन के मैदान में सब लड़ रहे हैं। यह विषय, मन में हथियारों के उद्योग को लाता है। उनका कहना था कि युद्ध शुरू किये जाते हैं। हथियार बेचे जाते हैं और नए हथियारों का टेस्ट किया जाता है। यूक्रेन युद्ध को केवल रूस नहीं बल्कि दूसरे भी हवा दे रहे हैं।
याद रहे कि यूक्रेन युद्ध को आरंभ हुए एक वर्ष से अधिक का समय गुज़र रहा है। विश्व के कुछ देशों और अन्तर्राष्ट्रीय शख़सियतों ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए संघर्ष विराम के प्रयास किये हैं किंतु हर बार उनको अमरीका और उसके घटकों के विरोध का सामना करना पड़ता है।
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