AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
गुरुवार

2 मार्च 2023

11:36:07 am
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सऊदी अरब, बिन सलमान के निशाने पर आए जज, कई को मिल सकती है मौत।

सऊदी अरब में आतंकवाद के मामलों से निपटने वाली रियाज़ की विशेष आपराधिक अदालत ने 16 फरवरी, 2023 को इस मामले पर अपनी पहली गोपनीय बैठक की जिसमें कई कई पूर्व जजों पर गंभीर राजद्रोह" केआरोप लगाए गए हैं।

 सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के इशारे पर न्याय और अदालत के उसूलों को रौंदते हुए बेशुमार बेगुनाह सऊदी नागरिकों को मौत की सज़ा सुनाने वाले सऊदी अरब के कई जजों पर मौत का साया मंडरा रहा है।  मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ सऊदी युवराज ने कम से कम ऐसे 10 जजों को मौत की सज़ा सुनाने के आदेश दिए हैं जो पहले उनके ही आदेश पर सैंकड़ों लोगों की मौत के फरमान पर अदालत की मोहर लगाते रहे हैं।

सऊदी अरब के पब्लिक प्रासीक्यूटर ने नीं सलमान की मांग पर सऊदी अदालत के कम से कम 10 जजों के लिए मौत की सजा की मांग की है।  इन लोगों पर देश के साथ विश्वासघात करने के आरोप लगाए हैं।

मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक़ सऊदी अरब में आतंकवाद के मामलों से निपटने वाली रियाज़ की विशेष आपराधिक अदालत ने 16 फरवरी, 2023 को इस मामले पर अपनी पहली गोपनीय बैठक की जिसमें कई कई पूर्व जजों पर गंभीर राजद्रोह" केआरोप लगाए गए हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक़ इन लोगों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं।  यही जज थे जिन्होंने बिन सलमान और सऊदी तानाशाही के आदेश पर अदालत और न्याय का गला घोंटते हुए अरब नागरिकों के खिलाफ कठोर और मनमाने फैसले दिए थे।  यह घटना इस बात का साफ़ सबूत है कि आले सऊद किसी के भी नहीं हैं और सऊदी अरब में कोई भी महफूज़ नहीं है।

सबसे पहले ऐसे दो जजों का नाम सामने आये था जिन्हे रियाज़ की स्पैशल अदालत में हाज़िर किया गया था।  इन दो जजों में एक अब्दुल्लाह बिन खालिद लहीदान है जिसने सऊदी अरब की मशहूर महिला कार्यकर्ता लजीन हज़लूल को बिना किसी आधार के जले की सज़ा सुनाई जबकि दूसरा नाम अब्दुल अज़ीज़ मदावी जाबेर का है जिसने आले सऊद के इशारे पर एक बच्चे को मौत की सुनाने के साथ साथ मार्च 2022 में आले सऊद के हाथों हुए क़त्ले आम कई लोगों को मौत की सज़ा सुनाई थी।  इस क़त्ले आम में आले सऊद ने एक साथ 81 लोगों को फांसी पर चढ़ा दिया था।

मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि अब आले सऊद ने इन पूर्व जजों पर जो इलज़ाम लगाए हैं उनमे कम से कम सज़ा मौत है। इन जजों की गिरफ़्तारी के साथ ही बिन सलमान ने उनकी जगह अपने वफादारों को बिठा दिया है जिन्होंने कुर्सी मिलते ही राजनीतिक कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया यूज़र्स को निशाने पर रखते हुए उनके खिलाफ काम तेज़ कर दिया है।