AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

22 फ़रवरी 2023

11:10:40 am
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सऊदी अरब ने सीरिया के आगे घुटने टेके, दमिश्क़ से बातचीत की तैयारी

सऊदी अरब और सीरिया के रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने में अबू धाबी और मस्क़त मिलकर काम करेंगे और हाल ही में राष्ट्रपति बश्शार असद की ओमान यात्रा के बाद यह प्रक्रिया और तेज़ हो गयी है।

सीरिया के खिलाफ साम्राज्यवादी धड़े के इशारे पर खुल कर आतंक की आग लगाने वाले सऊदी अरब अब दमिश्क़ के आगे घुटने टेकते हुए सीरिया से फिर से रिश्ते बहाल करने में दिलचस्पी दिखा रहा है ।

अभी तक दमिश्क़ से रहते बहाल करने को लेकर दुविधा में फंसे रियाज़ ने तेज़ी से अपने रुख में बदलाव लाते हुए सीरिया से अपने रिश्ते बहाल करने की दिशा में तेज़ी से क़दम उठाना शुरू कर दिया है। और इस काम में रूस और संयुक्त अरब अमीरात सऊदी अरब की मदद कर रहे हैं। 

सऊदी अरब और सीरिया के रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने में अबू धाबी और मस्क़त मिलकर काम करेंगे और हाल ही में राष्ट्रपति बश्शार असद की ओमान यात्रा के बाद यह प्रक्रिया और तेज़ हो गयी है।

सोमवार को ओमान की ऑफीशियत विजिट पर पहुंचे बश्शार असद के सफर और अरब जगत के हालात और खास कर तुर्की सीरिया में आए ज़लज़ले के बाद रियाज़ और दमिश्क़ के रिश्तों में आए बदलाव के बारे में रिपोर्ट देते हुए अल अखबार ने लिखा कि सीरिया में भारी तबाही और इंसानी संकट का कारण बने इस ज़लज़ले के बाद दमिश्क़ को लेकर सऊदी अरब के रुख में बड़ा बदलाव आया है यह बदलाव ऐसे वक़्त आया है जब अरब शिखर सम्मलेन की अगली बैठक का मेज़बान खुद सऊदी अरब है। यह बैठक मार्च में होने की ख़बरें है लकिन कहा जा रहा है कि अरब जगत के माहौल में हो रहे बदलाव को देखते हुए इसे थोड़े वक़्त के लिए टाला जा सकता है और 12 साल बाद इस लीग में सीरिया की ऐतिहासिक वापसी हो सकती है।

दमिश्क़ सरकार को लेकर क़तर के अलावा अरब देशों के रुख में बड़ा बदलाव आ रहा है। और इसी बदलाव को देखते हुए असद ने ओमान का सफर किया बिल्कुल उसी तरह जैसे वह इस से पहले संयुक्त अरब अमीरात गए थे और उनकी अबू धाबी यात्रा के बाद UAE और सीरिया के रिश्ते बहाल हुए थे।

बता दें कि इस से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए कहा था कि अरब जगत में सीरिया को लेकर बदलाव का दौर जारी है और हम सीरिया संकट को ऐसे ही जारी रहने की इजाज़त नहीं दे सकते हमे दमिश्क़ से अपने रिश्तों को लेकर फिर से विचार करना होगा।

सऊदी अरब के रुख में आया यह बदलाव १२ साल से साम्राज्यवाद प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहे सीरिया में जारी संकट में मददगार साबित हो सकता है खास कर इस लिए भी कि इस पूरे वक़्त में सऊदी अरब ने साम्राज्यवादी धड़े के साथ मिलकर दमिश्क़ विरोधी वहाबी आतंकियों की भरपूर मदद की है।

दमिश्क़ और रियाज़ के रिश्तें बहाल होते हैं तो यह बिल्कुल भी चौंकाने वाली बात नहीं होगी क्योंकि रूस की मदद से पिछले 4 साल से माहौल को शांत करने और उसके बाद अबू धाबी और मस्क़त मिलकर दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की कोशिश करते रहे हैं।