दुनिया भर और खास कर इस्लामी
जगत को वहाबी आतंकवाद की आगे में झोंकने वाले
सऊदी अरब ने एक बार फिर दुनिया को फसाद और फ़ित्ने की आग में झोंकने की तैयारी कर ली
है। इस बार फसाद की यह आग सिर्फ इस्लामी उम्मत
का दामन जलाएगी और सऊदी अरब पूरी प्लानिंग के साथ इसकी तैयारी कर चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सऊदी अरब के MBC चैनल ने इस्लामी उम्मत में फसाद और क़त्लो ग़ारत के बीज बोने वाले और यज़ीद जैसे बदकार को इस्लामी उम्मत के सर थोपने वाले मुआविया का महिमा मंडन करते हुए एक फिल्म बनाई है जिस पर आलमे इस्लाम में शदीद ग़मों ग़ुस्सा फ़ैल गया है।
यमन के लोकप्रिय जनांदोलन अंसारुल्लाह की पॉलिटिकल विंग के मेंबर मोहम्मद अल बुख़ैती ने कहा कि सऊदी अरब इस फिल्म की आड़ में इस्लामी जगत को फ़ित्ने की आग में झोंकना चाहता है।
उन्होंने कहा कि MBC चैनल इस फिल्म के ज़रिये मुसलमानों के बीच फसाद फैलाना चाहता है और उन्हें गुमराह करने की कोशिशें कर रहा है। इसलिए बेहतर है कि हम पूरी सच्चाई और होशियारी से सच्चाई बयान करें और बिना किसी का अपमान किये तारीख़ी फैक्ट को सामने लाएं ।
ख़ुदावंदे आलम ने क़ुरआने मजीद में इरशाद फ़रमाया है कि इमाम दो तरह के होते हैं; एक वह जो शैतान के हुक्म से (लोगों को) जहन्नम की तरफ ले जाते हैं और दूसरे वह जो लोगों को जन्नत की दावत देते हैं।
बता दें कि इस से पहले अरब जगत के मशहूर आलिमे दीन और इराक के शक्तिशाली राजनेता सय्यद मुक़्तदा सद्र ने भी सऊदी अरब में MBC चैनल को ऐसी हरकत से बाज़ रहने की नसीहत करते हुए कहा था कि मुआविया पर बने इस सीरियल को टेलीकास्ट न करे।
मुक़्तदा सद्र ने ट्वीट करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि यही बेहतर होगा बल्कि वाजिब है कि MBC मुआविया पर बनाए गए इस सीरियल का टेलीकास्ट न करे। मुआविया पहला इंसान है जिसने सांप्रदायिक फसाद और क़त्लो ग़ारत का बाजार गर्म किया। उसने
सहाबा ए किराम के अपमान और उन्हें गालियां देने को क़ानूनी शक्ल दी, वह अपने ज़माने के इमामे बर हक़ के ख़िलाफ़ ख़ुरूज करने और इस्लामी एकता को बर्बाद करने वाला और बेशुमार सहाबा का क़ातिल है।
सय्यद मुक़्तदा सद्र ने कहा कि इस सीरियल को टेलीकास्ट करना खुद सऊदी अरब की नई पॉलिसी के खिलाफ है। लिहाज़ा में MBC और सऊदी को बताना चाहूंगा कि दुनिया के कोने कोने में रहने वाले अपने मुसलमान भाईयों के जज़्बात को ठेस पहुँचाने की कोई ज़रूरत नहीं है।