चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमेरिका पर कड़ा प्रहार कर दिया।
माओ निंग ने कहा कि नए विवाद की जड़ में दो बातें हैं, पहली ये कि ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी आज़ादी के लिए अमेरिका पर निर्भर हो रही है, दूसरा- अमेरिका के कुछ लोग चीन को काबू में करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअस्ल अमेरिका के जनरल माइक मिनिहन ने एक बयान देकर विवाद को हवा दी है। जनरल माइक ने शुक्रवार को जारी एक मेमो में कहा था कि मुझे लगता है कि 2025 में चीन और अमेरिका के बीच युद्ध हो सकता है।
माइक के इस बयान के बाद अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन माइकल मैककॉल ने भी कहा था कि ताइवान के मुद्दे पर चीन से संघर्ष की आशंका काफ़ी ज़्यादा है।
इन बयानों के बाद अब चीनी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है।
माओ निंग ने कहा कि हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वो वन-चाइना पॉलिसी यानी 'एक-चीन नीति' और दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयानों को माने।
चीन ने अमेरिका से कहा कि वो अमेरिकी नेतृत्व के किए वादों को निभाते हुए ताइवान के मामले में जबरन घुसने का काम ना करे और ताइवान क्षेत्र में सैन्य रिश्तों पर भी रोक लगाए।
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