फ़रवरी 2021 में म्यांमार की सेना ने सरकार का तख़्तापलट कर दिया था और आम चुनाव में जीत दर्ज करने वाली सू ची को नज़रबंद कर दिया था।
सू ची के ख़िलाफ़ 19 आरोप लगाए गए थे। पहले ही कई आरोपों में उन्हें दोषी ठहराकर, उनके ख़िलाफ़ सज़ा का एलान कर दिया गया था।
ग़ौरतलब है कि शांति का नोबल हासिल करने वाली सू ची ने रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार और नस्लीय सफ़ाए के लिए म्यांमार सेना का समर्थन किया था, लेकिन बाद में उसी सेना ने उनकी सरकार का भी तख़्तापलट कर दिया।
शुक्रवार को उन्हें आखिरी पांच आरोपों में सज़ा सुनाई गई। अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार का दोषी पाया, क्योंकि उन्होंने सरकार के एक मंत्री के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने में नियमों का पालन नहीं किया था।
उनके ख़िलाफ़ जिन आरोपों में सज़ा सुनाई गई है, वह कोविड सुरक्षा नियमों के उल्लंघन, वॉकी-टॉकी आयात करने और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन जैसे आरोप हैं। msm
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