तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के अस्थाई इमाम ने कहा कि शहीदों के पावन लहू से जिन विश्वविद्यालयों का निर्माण किया गया है वे इस्लामी क्रांति को आघात नहीं पहुंचा सकते।
हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीकी ने कुछ विश्व विद्यालयों में हालिया अप्रिय घटनाओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों का निर्माण शहीदों के खून और उनके नाम पर किया गया है। इस आधार पर इस प्रकार की घटनाओं से क्रांति को कोई आघात व नुकसान नहीं पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि जब अमेरिकियों ने देश के समस्त मामलों को अपने वर्चस्व में कर लिया था तब छात्रों ने इस्लामी परचम को लहराया था। उन्होंने कहा कि विश्व विद्यालय सर्वोच्च नेतृत्व की छत्रछाया में रहकर हमेशा अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं। उन्होंने इसी प्रकार हज़रत ज़ैनब स. के शुभ जन्म दिवस की बधाई दी और कहा हज़रत ज़ैनब स. ने कठिन से कठिन हालात और संकटों को बेहतरीन अवसरों में परिवर्तित कर दिया था।
हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दिकी ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान गत 43 वर्षों से दुनिया की समस्त शैतानी और वर्चस्ववादी शक्तियों के मुकाबले में डटा हुआ है और उसने हमेशा उन्हें मात दी है। उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र ने समस्त साम्राज्यवादी चुनौतियों को अवसर में बदल दिया है क्योंकि इस राष्ट्र का विश्वास है कि समस्त राष्ट्र एक आत्मा, एक बौद्धिक शक्ति और धड़कने वाला दिल रखता है।
इसी प्रकार उन्होंने ईरान की नौसेना दिवस की मुबारकबाद देते हुए कहा कि पवित्र प्रतिरक्षाकाल के दौरान नौसेना ने इराक की बासी सरकार के जंगी उपकरणों व संसाधनों को पूरी तरह नष्ट कर दिया था और आज वह एक मज़बूत और जिन्दा मोर्चा होने के साथ साथ प्रगति कर रही है। MM
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