सूत्रों के मुताबिक़, हाल ही में अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के साथ बातचीत में सऊदी क्राउन प्रिंस ने इस्राईल के साथ संबंधों को समान्य बनाने के मुद्दे पर चर्चा की।
27 सितम्बर को निओम शहर में होने वाली मुलाक़ात में सुलिवन ने बिन सलमान के सामने यह मुद्दा उठाया था। सऊदी क्राउन प्रिंस ने इसकी संभावना को ख़ारिज नहीं किया, बल्कि इसके लिए अपनी कुछ शर्तें रख दीं।
अमरीकी न्यूज़ वेबसाइट एक्सियस का कहना है कि अगर सऊदी अरब इस्राईल के साथ संबंधो को सामान्य बनाने वाला समझौता करता है, तो वह ऐसा करने वाला इस क्षेत्र का सबसे बड़ा खिलाड़ी होगा, जिसका असर अन्य क्षेत्रीय और मुस्लिम देशों पर भी पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक़, सऊदी अधिकारियों का कहना है कि यह एक लम्बी प्रक्रिया है और इसके लिए उठाए जाने वाले ज़रूरी क़दमों की सूची उन्होंने अमरीकी राष्ट्रीय सलाहकार को सौंप दी है।
वाशिंगटन के सामने रियाज़ ने यमन युद्ध की दलदल से निकलाने का मुद्दा भी उठाया है और इस युद्ध के उसके पक्ष में समाप्ति की गुहार लगाई है।
ग़ौरतलब है कि अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के दबाव के बाद यूएई, बहरीन और सूडान ने इस्राईल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए थे। हालांकि सऊदी अरब ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था और एक स्वाधीन फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के निर्माण से पहले इस्राईल को मान्यता देने की संभावना ख़ारिज कर दी थी।
सूत्रों के मुताबिक़, सऊदी क्राउन प्रिंस ने अमरीका के सामने अपनी यह शर्त दोहराई है और वाशिंगटन से मांग की है कि बाइडन के सत्ता संभालने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में जो खटास आई है, उसे दूर किया जाए।