काबुल में अमरीका के दूतावास ने अपने नागरिकों को फिर सचेत किया है कि सुरक्षा कारणों से वे काबुल में सार्वजनिक क्षेत्रों पर जाने से बचें।
इससे पहले अमरीका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को सचेत किया था कि वे काबुल हवाई अड्डे से दूर रहें। इसके बावजूद गुरूवार को काबुल हवाई अड्डे के क्षेत्र में भीषण विस्फोट हुए थे जिसमें 170 लोग मारे गए। मृत्कों में अधिकांश का संबन्ध अफ़ग़ानिस्तान से था। इस हमले में 200 से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे।
हालांकि आतंकवादी गुट दाइश ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी स्वीकार की है किंतु इन हमलों में अमरीका सहित पश्चिमी देशों की भूमिका को किसी भी स्थिति में अनदेखा नहीं किया जा सकता।
इसका मुख्य कारण यह है कि अमरीका को अफ़ग़ानिस्तान में खुली पराजय का सामना करना पड़ा है। 20 वर्षों तक वहां पर रहने के बाद भी वह कुछ कर नहीं सका। अब वह चाहता है कि अफ़ग़ानिस्तान से वापस निकलने की 31 अगस्त की समय सीमा के साथ ही वह अफ़ग़ानिस्तान को अधिक अस्थिर बनाकर इसको सीरिया और इराक़ में परिवर्तित कर दे।