तालेबान के कल्चरल कमीशन के सदस्य इनामुल्लाह समनगानी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमारते इस्लामिया नहीं चाहती कि महिलाएं प्रभावित हों, शरीअत के क़ानून के अनुसार उन्हें सरकारी ढांचे में शामिल होना चाहिए।
इनामुल्लाह ने अफ़ग़ानिस्तान के लिए अमारत इस्लामिया की टर्मिनालोजी इस्तेमाल करते हुए कहा कि सरकार का ढांचा अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है लेकिन अनुभव के आधार पर एक मुकम्मल इस्लामी नेतृत्व होना चाहिए और सभी पक्षों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
तालेबान लीडर ने कहा कि हमारे लोग मुसलमान हैं हम उन्हें इस्लाम पर मजबूर करने के लिए नहीं हैं।