इराक़ी सांसद मुख़तार अलमूसवी ने कहा कि जब अमरीका इराक़ से बाहर निकलेगा तो उस समय के लिए हमारे पास हश्दुश्शाबी फ़ोर्स और मज़बूत धार्मिक नेतृत्व भी मौजूद है इसलिए किसी तरह की कोई समस्या पैदा नहीं होगी।
अलमूसवी ने कहा कि काबुल पर तालेबान का पुनः क़ब्ज़ा हो जाने का सीधा मतलब यह है कि अमरीका अपने किसी भी वादे पर कटिबद्ध नहीं है जो भी अमरीका से सहयोग कर रहे हैं उन्हें हमेशा डरते रहना चाहिए।
एक अन्य इराक़ी सांसद उदै हातिम ने कहा कि अमरीका इराक़ को तबाह करने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि अमरीका हरगिज़ नहीं चाहता कि इराक़ अपनी समस्याओं से बाहर निकल कर बेहतर भविष्य की ओर आगे बढ़े।
एक अन्य सांसद अलख़दरान ने कहा कि अमरीका ने अफ़ग़ानिस्तान के लिए जो ड्रामा रचा वह इराक़ में लागू नहीं करने दिया जाएगा।
इराक़ी सांसद जासिम अलबयाती ने कहा कि अमरीका अब इराक़ में हश्दुश्शाबी फ़ोर्स और उसके कमांडरों पर हमले कर रहा है ताकि अफ़ग़ानिस्तान वाली साज़िश को अब हमारे देश में दोहराए।
दूसरी ओर इराक़ी कुर्द संगठनों में अमरीका को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है कि अफ़ग़ानिस्तान का अनुभव देखने के बाद क्या वाशिंग्टन पर भरोसा करना तर्कसंगत है या नहीं।