शुक्रवार को अफ़ग़ान न्यूज़ एजेंसी आवा की रिपोर्ट के मुताबिक़, मोहम्मद अशरफ़ ग़नी ने काबुल में विश्व युवा दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाः सिर्फ़ अफ़ग़ान जनता, उनके उत्तराधिकारी के बारे में फ़ैसला कर सकती है, न कि हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान।
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि तालिबान अशरफ़ ग़नी को सत्ता से हटाना चाहते हैं।
इससे पहले भी अफ़ग़ान राष्ट्रपति ने कहा था कि उनकी सरकार को सिर्फ़ चुनाव के ज़रिए ही हटाया जा सकता है और इस बारे में किसी तरह का कोई समझौता भी नहीं हो सकता है।
शुक्रवार को क़ंधार पर क़ब्जा करने से पहले गुरुवार को तालिबान ने दो और प्रांतीय राजधानियों ग़ज़नी और हेरात पर क़ब्जा कर लिया था। तालिबानी लड़ाके काबुल से महज़ 130 किलोमीटर दूर हैं। इस तरह से तालिबान अब तक 60 फ़ीसद से ज़्यादा इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर चुके हैं।
अफ़ग़ान सेना के साथ जारी संघर्ष में तालिबान लगातार प्रगति कर रहे हैं, इसलिए उनके बढ़ते क़दमों से अब काबुल को सीधा ख़तरा हो गया है। अब देखना यह है कि अफ़ग़ान सरकार और सेना अपने पास बचे इलाक़ों को कितने दिन और अपने नियंत्रण में रख पाएगी।