AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

7 अगस्त 2021

7:15:40 pm
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इस्राईल की इंटैलीजेन्स शिकस्त, हिज़्बुल्लाह के बारे में अंदाज़े की इतनी ग़लतियां क्यों कर रहा है ज़ायोनी शासन?

हालिया दिनों हिज़्बुल्लाह और इस्राईल की झड़पों में साफ़ नज़र आया कि इंटैलीजेन्स के मैदान में इस्राईल बहुत पिछड़ गया है। इसके कई कारण हैं और इनसे यह पता चलता है कि इंटैलीजेन्स के पटल पर इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे से जुड़े हिज़्बुल्लाह और हमास जैसे संगठन बहुत तेज़ी से आगे बढ़े हैं।

अलमयादीन टीवी चैनल ने अपने कार्यक्रम में साबित किया कि क़ुद्स की तलवार आप्रेशन के बाद से जिसमें इस्राईल को फ़िलिस्तीनी संगठनों के हाथों भारी शिकस्त उठानी पड़ी थी, हिज़्बुल्लाह ने अपनी तैयारी काफ़ी बढ़ा ली। इस्राईल यह समझ रहा था कि लेबनान में हालात ख़राब हैं तो वह हिज़्बुल्लाह पर आसानी से हमला कर लेगा और हिज़्बुल्लाह भी इस समय हालात को देखते हुए इस हमले का जवाब देने से परहेज़ करेगा।

मगर दक्षिणी लेबनान में हालिया दिनों जो झड़पें हुईं उनमें यह सच्चाई सामने आई कि इस्राईल से निपटने के लिए हिज़्बुल्लाह की तैयारी में कहीं से कोई कमी नहीं आई है।

इससे पहले ग़ज़्ज़ा पट्टी में स्थित फ़िलिस्तीनी संगठनों के बारे में भी इस्राईल से अनुमान की बहुत बड़ी ग़लती हुई।

इस्राईल की इस नाकामी की वजहों की बात की जाए तो एक वजह यह है कि इस्राईलियों को यह यक़ीन हो गया था कि उनकी सैनिक ताक़त इतनी है कि प्रतिरोधक संगठनों पर वह अंकुश लगाने में कामयाब हो जाएंगे।

इस्राईल को यह लग रहा था कि अगर हिज़्बुल्लाह ने जवाबी हमला किया भी तो वह सिम्बोलिक ही होगा।

दूसरी वजह यह है कि ज़ायोनी शासन को यह लगता है कि उसके पास जासूसी के बहुत व्यापक नेटवर्क और उपकरण मौजूद हैं जिनकी मदद से वह अपने दुश्मनों की योजनाओं और सोच को समझ सकता है। लेकिन हालिया झड़पों से यह सच्चाई सामने आई कि हिज़्बुल्लाह और हमास जैसे प्रतिरोधक संगठन इंटेलीजेन्स के मैदान में काफ़ी आगे पहुंच चुके हैं। इसके अलावा यह सच्चाई भी साबित हुई कि प्रतिरोधक संगठनों के सोचने की शैली के बारे में इस्राईल सही अनुमान नहीं लगा सकता क्योंकि वह बिल्कुल अलग आधारों और पैमानों के सहारे अपने फ़ैसले करते हैं।

इंटैलीजेन्स के पटल पर इस्राईल की नाकामी का एक नतीजा यह भी हो सकता है कि प्रतिरोधक संगठनों से इस्राईल का व्यापक युद्ध छिड़ जाए।

इससे पहले तक इस्राईलियों की यह सोच थी कि हिज़्बुल्लाह को गंभीर आर्थिक संकट का सामना है क्योंकि पूरा लेबनान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है इसलिए इन हालात में हिज़्बुल्लाह इस्राईल से भिड़ने की कोशिश नहीं करेगा। मगर यह नहीं हुआ। हिज़्बुल्लाह ने इस्राईल की उत्तेजक हरकतों का तत्काल जवाब दिया।

अब वैसे ज़्यादा दिनों तक इस्राईल ग़ज़्ज़ा, लेबनान या ईरान के ठिकानों पर हमले की हिम्मत नहीं कर पाएगा और अगर उसने इसकी हिम्मत की तो हालात उसके नियंत्रण से बाहर निकल जाएंगे।