फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब के शहज़ादे सताम बिन ख़ालिद आले सऊद जो आए दिन कुछ न कुछ बयान मीडिया में देते ही रहते हैं, ओकाज़ समाचार पत्र से बात करते हुए ईरान के ख़िलाफ़ आरोपों की झड़ी लगा दी।
उन्होंने क्षेत्र में ईरान के बर्ताव के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में ईरान पर निराधार आरोपों की झड़ी लगा दी और दावा किया कि क्षेत्र में ईरान का रवैया कुछ सिद्धांतों पर निर्भर है जिनमें से पहला अरबों से फ़ार्सों के द्वेष और क्षेत्र में ईरान की लालच है और ईरान अरब क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए जातिवाद और सांप्रदायिकता का सहारा लेता है।
सऊदी अरब के इस शहज़ादे ने कहा कि ईरान दानवीर देश नहीं है लेकिन कुछ पश्चिमी देश अपने हितों की वजह से उसकी ओर जाते हैं। वह क्षेत्रीय देशों के ख़िलाफ़, अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों, आतंकवाद और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली ईरान की सारी गतिविधियों को अनदेखा कर देते हैं।
सऊदी राजकुमार का कहना था कि यह केवल एक व्याख्या है, ईरान, यूरोपीय देशों के लिए एक आर्थिक फ़ायदा है।
ओकाज़ समाचार पत्र ने सऊदी राजकुमार से जब यह पूछा कि ईरान हमेशा यह कहता है कि वह परमाणु हथियारों की प्राप्ति का प्रयास नहीं कर रहा है तो आप इस बारे में क्या कहते हैं? उनका कहना था कि ईरान इस नीति से समय बर्बाद कर रहा है और पश्चिम को पक्का पता है कि यह बयान झूठे और निराधार हैं और अगर ईरान ने इस प्रकार के हथियार हासिल कर लिएस तो क्षेत्रीय देशों विशेषकर सऊदी अरब, तुर्की और मिस्र में अपनी सुरक्षा के लिए इन हथियारों को हासिल करने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाएगी तब पश्चिम को इन देशों का रास्ता रोकने का कोई हक़ नहीं होगा क्योंकि उसने ईरान का रास्ता नहीं रोका।
सऊदी अरब के शहज़ादे सताम बिन ख़ालिद आले सऊद ने इस सवाल के जवाब में कि लेबनान के संकट से निकलने का रास्ता क्या है? उन्होंने हिज़्बुल्लाह पर आरोप लगाने शुरू कर दिए और कहा कि लेबनान में समाधान का रास्ता यह है कि हिज़्बुल्लाह अपने देश और राष्ट्र के हित में काम करे, राजनीति का हिस्सा हो और हथियारों के बल पर लेबनान पर अपने आदेश न चलाए।
सऊदी राजकुमार ने यमन और अंसारुल्लाह के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में ईरान पर फिर आरोप लगाते हुए दावा किया कि अगर अंसारुल्लाह यह मान ले कि सैन्य रास्ते से कुछ हाथ लगने वाला नहीं है, उसे एक अरबी यमनी पार्टी की तरह बर्ताव करना चाहिए न कि ईरान के आदेशों को लागू करे।
सऊदी अरब के शहज़ादे सताम बिन ख़ालिद आले सऊद ने इराक़ के बारे में दावा किया कि वह हथियार जो ईरान के कुछ घटक गुटों के पास हैं, इराक़ सरकार के पास नहीं हैं, वह देश में सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और पार्टीवाद जैसे ख़तरे पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने फ़िलिस्तीन के मुद्दे को सारे अरबों और मुसलमानों का मुद्दा क़रार दिया और कहा कि रियाज़, फ़िलिस्तीनी सरकार के गठन पर सहमत है।