समाचार एजेन्सी फार्स की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि अम्रुल्लाह सालेह का परिवार अफग़ानिस्तान में भी नहीं रहता और अफ़ग़ान अधिकारियों के नकारात्मक बयानों का कोई मूल्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के लोगों के मध्य संबंध बहुत मज़बूत हैं और पाकिस्तान हमेशा कांधे से कांधा मिलाकर अपने अफ़ग़ान भाइयों के साथ रहा है।
फ़ोवाद चौधरी ने कहा कि अफ़गान विवाद का समाधान अफगानों के बीच वार्ता है और पाकिस्तान केवल वार्ता प्रक्रिया को सरल बना सकता है।
पाकिस्तान सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुईद युसूफ़ ने भी इसी संबंध में इस्लामाबाद के खिलाफ कुछ अफगान अधिकारों के बयानों की तीव्र आलोचना करते हुए कहा है कि इस्लामाबाद कुछ व्यक्तियों और गुटों की विध्वंसक कार्यवाहियों के बावजूद अपने प्रयासों से पीछे नहीं हटेगा क्योंकि इस कार्य का लक्ष्य पड़ोसी देश में टिकाऊ शांति व सुरक्षा स्थापित करना है।
इसी प्रकार उन्होंने कहा है कि इस देश के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अफ़ग़ानिस्तान में शांति व सुरक्षा स्थापित करने की प्रक्रिया के अंतर्गत इस देश के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ़ ग़नी से मुलाकात करने वाले हैं।