क़ुद्स, दशकों से प्रतिरोध गुटों के ख़िलाफ़ इस्राईल की जंग व लड़ाई का केन्द्र रहा है।
इस्राईली शासन के ये अपराध ऐसी हालत में जारी हैं कि प्रतिरोध संगठनों के नेताओं ने बारंबार इस शासन को चेतावनी दी है कि क़ुद्स के ख़िलाफ़ अपराध जारी रहने की स्थिति में पूरे क्षेत्र में जंग छिड़ सकती है। दूसरे शब्दों में क़ुद्स के फ़िलिस्तीनियों और मस्जिदुल अक़्सा के ख़िलाफ़ अपराध जारी रहने पर इस्राईल के साथ फ़िलिस्तीनी गुटों की झड़प फ़िलिस्तीनी गुटों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि उसका दायरा बढ़ कर प्रतिरोध के मोर्चे तक पहुंच जाएगा।
इसी परिप्रेक्ष्य में ‘क़ुद्स की तलवार’ नामक आप्रेशन ख़त्म होने के बाद, लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव सय्यद हसन नसरुल्लाह ने अपनी स्पीच में नए समीकरण का एलान करते हुए ज़ायोनी शासन को चेतावनी दी है कि अतिग्रहित क़ुद्स के पवित्र स्थलों पर किसी तरह के अतिक्रमण की स्थिति में, क्षेत्रीय जंग छिड़ जाएगी।
ऐसा लग रहा है कि हसन नसरुल्लाह की यह चेतावनी व्यवहारिक होने की ओर बढ़ रही है।
इराक़ के हिज़्बुल्लाह संगठन के फ़ैसले के मद्देनज़र इस बात की संभावना है कि दूसरे प्रतिरोध गुट भी उसका साथ देंगे और इराक़ की हिज़्बुल्लाह ब्रिगेड का यह फ़ैसला ‘क़ुद्स की तलवार’ आप्रेशन का नतीजा है।