मुस्तफ़ा अलकाज़ेमी ने आज उस स्पाइकर छावनी का दौरा किया जहां पर दाइश के आतंकवादियों द्वारा शिया मुसलमानों के 1700 युवाओं का जनसंहार किया गया था।
इस छावनी के निरीक्षण के बाद इराक़ के प्रधानमंत्री ने कहा कि इसको अब एक संग्रहालय के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि यह स्थान इराक़ में होने वाले क्रूरतम जनसंहार का साक्षी है। जिन निर्दोष लोगों का यहां पर ख़ून बहा उसने इराक़ियों की अन्तर्रात्माओं को झिंझोड़ कर रख दिया।
अलकाज़ेमी का कहना था कि हमें यहां के पवित्र ख़ून को याद रखना चाहिए। उनका कहना था कि हमको विगत से पाठ लेना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा कि स्पाइकर छावनी में शहीद होने वाले युवाओं के परिजनों के अधिकारों का हमें ध्यान रखना चाहिए।
याद रहे कि दाइश के आतंकियों ने सन 2014 में तिकरीत के निकट स्थित स्पाइकर छावनी पर हमला करके 1700 सैन्य कर्मियों का अपहरण करने के बाद उनको गोलियों से भून दिया था। दाइश ने इस जनसंहार का एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें अपहृत कैडिटों को ज़मीन पर लिटाकर गोलियों से निशाना बनाते हुए दिखाया गया था।
इराक़ के सुरक्षा बलों ने तिकरीत की स्वतंत्रता के बाद छह सौ इराक़ी कैडिटो के शव एक सामूहिक क़ब्र से प्राप्त किए थे। इराक़ी अधिकारियों का कहना है कि दाइश के आतंकियों ने स्पाइकर छावनी में कम से कम 1700 लोगों को मौत के घाट उतारा था।