फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार हमास के नेता यहिया सिन्वार ने शनिवार को ग़ज़्ज़ा पट्टी में ग़ज़्ज़ा विश्वविद्यालशय के प्रोफ़ेसरों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ अरब देशों द्वारा इस्राईल से संबंध बनाने की जल्दबाज़ी और फ़िलिस्तीनियों के आपस में बंट हरने की वजह से ही इस्राईल ने फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध हालिया कार्यवाही की है।
उनका कहना था कि प्रतिरोध ने इस्राईली दुश्मनों को बता दिया कि मस्जिदुल अक़सा के पक्के रक्षक मौजूद हैं और इस पवित्र स्थल की रक्षा, एक रणनैतिक लक्ष्य है और हालिया जंग में पश्चिमी किनारे वाले और अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईल की ओर से जो दबाव था वह मीज़ाइलों से ज़्यादा था।
उनका कहना था कि अगर इस्राईल के साथ फिर से जंग होती है तो मध्यपूर्व का पूरा इलाक़ा बदल जाएगा और इस्राईल के पास किसी भी वास्तविक हमले को सहन करने की ताक़त नहीं है।
उनका कहना था कि हालिया जंग में हमने केवल अपनी ताक़त का ट्रेलर दिखाया था और इस्राईल के कमज़ोर चेहरे को देखने के लिए युद्ध की ज़रूरत नहीं है।
हमास के इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमने कुछ मीज़ाइलों का समुद्र में भी परीक्षण किया और मैदाने जंग में उनके परीक्षण का समय आ गया है।
उनका कहना था कि इस्राईल आधे से अधिक प्रतिरोधकर्ताओं को मार डालना चाहता था और ग़ज़्ज़ा को दसियों साल पहले ढकेल देना चाहता था लेकिन उसे हार हुए और प्रतिरोध आज भी अपनी पूरी ताक़त के साथ खड़ा है, अगर उसने जंग छेड़ी तो हम पूरी ताक़त के साथ जवाब देंगे।
यहिया सिन्वार ने कहा कि इस्राईल चाहता था कि ग़ज़्ज़ा में दस हज़ा से अधिक प्रतिरोधकर्ताओं की हत्या कर दे लेकिन वह 90 से अधिक प्रतिरोधकर्ताओं को शहीद न कर सका। उनका कहना था कि इस बड़ी विजय और मई 2021 के बाद हम इस्राईल से कहना चाहते हैं कि हम अब पहले वाले हमास नहीं रह गये।