आयतुल्लाह सीस्तानी के कार्यालय से जारी होने वाले बयान में कहा गया है कि रमज़ान के पवित्र महीने में सैय्यदुश्शोहदा गर्ल्स स्कूल पर हमला करके कई छात्राओं को शहीद और ज़ख़्मी कर दिया गया। यह भयानक अपराध देखकर हर विवेकशील इंसान का दिल ग़म और दुख से भर गया। बयान में विश्व समुदाय और मुस्लिम देशों से अफ़ग़ानिस्तान के बेसहारा राष्ट्र की मदद की अपील की गई है।
इस बीच ईरान की इस्लामी क्रांति रक्षक फ़ोर्स आईआरजीसी ने भी एक बयान जारी करके काबुल स्थित गर्ल्स स्कूल पर आतंकी हमले को, तकफ़ीरी आतंकवाद को फिर से उभारने के लिए अमरीका की साज़िश क़रार दिया। आईआरजीसी के बयान में कहा गया है कि पवित्र रमज़ान में काबुल के सैय्यदुश्शोहदा स्कूल पर आतंकी हमला, जिसमें छात्राओं समेत 85 से ज़्यादा लोग शहीद और 160 से ज़्यादा घायल हो गए, अफ़ग़ानिस्तान की जनता के लिए एक बड़ा सदमा है।
बयान में कहा गया है कि अमरीका की आतंकवादी सरकार और व्हाइट हाउस के सहयोगियों को इस्लामी उम्मह विशेष रूप से अफ़ग़ानिस्तान की जनता पर अत्याचार बंद करने चाहिए। बयान में कहा गया है कि विश्व जनमत का मानना है कि पश्चिमी एशिया से अमरीका के निकलने से इस क्षेत्र में शांति की स्थापना होगी।
इस बीच, सोमवार को भी अफ़ग़ानिस्तान के ज़ाबुल प्रांत में सड़क के किनारे रखे गए एक बम के विस्फ़ोट में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 28 लोग घायल हो गए।