AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

13 फ़रवरी 2021

12:10:46 pm
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सद्दाम से लोहा लेने और अखंड इराक़ का नारा देने वाले इराक़ी नेता को आज ही के दिन धमाके से उड़ा दिया था सद्दाम के समर्थकों ने, जानिए कहां पर शहीद हुए थे बाक़िरुल हकीम साहब...

18 साल पहले आज पहली रजब को आयतुल्लाह मोहम्मद बाक़िरुल हकीम पवित्र शहर नजफ़ में हज़रत अली अलैहिस्सलाम के रौज़े में जुमे की नमाज़ पढ़ने के बाद, रौज़े के बाहर, कार बम के धमाके में शहीद हुए थे।

शहीद हकीम का उद्देश्य शिया-सुन्नी और दूसरे अल्पसंख्यकों के बीच एकता को मज़बूत करना था। अखंड इराक़ की रक्षा और अमरीकी सैनिकों का इराक़ से निकलना हमारी मांग है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वह इन सैनिकों के निकलने का टाइम टैबल बनाकर, लोगों को इस ओर से शांत कर दे।

शहीद बाक़ेरुल हकीम की इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह और इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता के निकट बहुत अहमियत थी। आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई को जब उनकी शहादत की ख़बर मिली तो आपने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया था और अपने बयान में आयतुल्लाह बाक़ेरुल हकीम की हत्या को त्रासदी और उन्हें इराक़ पर क़ाबिज़ विदेशियों की साज़िशों से निपटने में बहुत मज़बूत मोर्चा बताया था। इराक़ी जनता इस महान शहीद की याद में सड़कों पर निकली ताकि उनकी याद को अमर बनाए।

इराक़ के दुश्मनों को हमारा साफ़ संदेश है कि हम वरिष्ठ धार्मिक नेतृत्व का अनुसरण करते हैं। जब तक हम उनका अनुसरण करेंगे उस वक़्त तक हमारे देश को कोई नुक़सान नहीं पहुंचेगा।

शहीद बाक़ेरुल हकीम मत के शिष्यों में शहीद अबू महदी अलमुहन्दिस भी थे जो 19 साल से ज़्यादा वक़्त तक इस महान धर्मगुरू के साथ थे।

शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की भी इस महान शहीद से विशेष श्रृद्धा थी।

हकीम ख़ानदान ने पिछले 4 दशक में ईश्वर के नाम को ऊंचा करने के लिए 60 से ज़्यादा सदस्यों को, इस्लाम के लिए क़ुर्बान किए हैं।