अमरीका, पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के शासन काल में सऊदी अरब और यूएई को हथियार बेचने के सौदे को दी गयी सहमति की समीक्षा कर रहा है, ऐसा क़दम जिसे नए अमरीकी विदेश मंत्री ने नए प्रशासन के रुझान का चिन्ह बताया।
ब्लिन्कन ने बुधवार को पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि हथियार बेचने की समीक्षा का लक्ष्य इस बात को सुनिश्चित करना है कि हमारी विदेश नीति आगे बढ़े और स्ट्रैटिजिक लक्ष्य हासिल हों।
उन्होंने पत्रकारों से कहाः इस वक़्त हम यही कर रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि वॉल स्ट्रीय जरनल ने बुधवार को सबसे पहले यह रिपोर्ट दी कि बाइडेन की सरकार ने सऊदी अरब को गाइडेड हथियार और यूएई को एफ़-35 फ़ाइटर जेट सहित इन दोनों देशों को अरबों डॉलर के हथियार बेचने के सौदे पर रोक लगा दी है।
यह क़दम, बाइडेन के, एक हफ़्ता पहले राष्ट्रपति के रूप में सत्ता संभालने के बाद उठाया गया है जिन्होंने रियाज़ से वॉशिंगटन के संबंधों की समीक्षा करने का वादा किया था। जबसे उन्होंने सत्ता संभाली है, वह ट्रम्प की मुख्य नीतियों को रिवर्स करने या उनकी दोबारा समीक्षा करने के उद्देश्य से कई कार्यकारी आदेश पर दस्तख़त कर चुके हैं।
जैसा कि अमरीकी विदेश मंत्री के बयान से ज़ाहिर है, अमरीका के इस क़दम का यमन पर सऊदी अरब के हमलों से संबंध नहीं, बल्कि उसका यह फ़ैसला उसकी साम्राज्यवादी नीतियों के तहत है।