इराक़ के भूतपूर्व प्रधानमंत्री नूरी मालेकी का कहना है कि क्षेत्र की पहचान को बदलने के लिए जो योजना तैयार की गई थी, शहीद कासिम सुलैमानी ने उस योजना को ही नेस्तोनाबूद कर दिया।
उन्होंने कहा कि शहीद सुलैमानी ने राष्ट्रों और आन्दोलनों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे प्रतिरोध और एक जुटता से शत्रु की योजनाओं को आसानी से विफल बना सकते हैं। इराक़ के भूतपूर्व प्रधानमंत्री मालेकी ने कहा कि शहीद सुलैमानी जैसे महान व्यक्ति के विरुद्ध खुला हुआ अपराध उस देश ने किया जो पूरी दुनिया में आज़ादी और लोकतंत्र का ढिंढोरा पीटता रहता है।
दूसरी ओर हिज़बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख हाशिम सफयुद्दी ने कहा है कि इस बात से कोई भी इन्कार नहीं कर सकता कि दाइश के विरुद्ध जिस व्यक्ति ने सबसे पहले मोर्चा खोला था वे शहीद क़ासिम सुलैमानी थे। इसी बीच हिज़्बुल्लाह के उप महासचिव शैख़ नईम क़ासिम का कहना है कि शहीद क़ासिम सुलैमानी ने अगर क्षेत्र में अमरीकी योजनाओं को बुरी तरह से विफल नहीं बनाया होता तो डोनल्ड ट्रम्प, शहीद जनरल सुलैमानी की हत्या करने का फ़ैसला नहीं करते।