AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

17 दिसंबर 2020

12:34:30 pm
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सऊदी पेट्रो डालर का गौरव समझी जाने वाली आरामको कंपनी संकट में...अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को बेचना चाहती है 10 प्रतिशत शेयर

दुनिया की तेल मार्केट के विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी अरब की विख्यात आरामको कंपनी को तेल की कीमतों में भारी गिरावट के कारण गंभीर संकट का सामना है जिसके चलते कंपनी अपनी बहुत सी संपत्तियां बेचने पर मजबूर हो गई है।

सऊदी अरब ने वैसे तो इस साल अपना तेल निर्यात काफ़ी बढ़ा दिया और सऊदी अरब को मिलने वाले कुल रेवेन्यु में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आरामको से होने वाली आमदनी का है लेकिन सऊदी अरब का बजट घाटा बढ़कर 79.4 अरब डालर तक जा पहुंचा है जो इस देश की कुल जीडीपी का 12 प्रतिशत है।

आरामको दुनिया की बहुत बड़ी तेल कंपनी है और यह कंपनी सरकारी ख़ज़ाने को अपनी 75 अरब डालर की आमदनी का भड़ा भाग देती है क्योंकि सालाना बजट के लिए रियाज़ सरकार संकट से जूझ रही है।

सांबा वित्तीय संस्था के वरिष्ठ अर्थ शास्त्री जेम्स रीव का कहना है कि आरामको देश के बजट के लिए जो रक़म मुहैया कराती है अब वह रक़म मुहैया करने के लिए उसे क़र्ज़ा लेना पड़ सकता है।

फ़िच के प्रबंधक दिमित्री मारीन्शेन्को ने कहा कि अगर तेल की क़ीमतें 50 डालर प्रति बैरल या इससे कुछ ज़्यादा रहती है तब तो वह सालाना 75 अरब डालर की रक़म कमा पाएगी वरना कंपनी सऊदी ख़ज़ाने को अपने हिस्से की रक़म मुहैया नहीं करा पाएगी और उसको अपनी संपत्ति बेचने या क़र्ज़ा लेने का रास्ता चुनना पड़ेगा।

ईएफ़जी हरमेस वित्तीय संस्था के शेयर मार्केट विशेषज्ञ युसुफ़ हुसैनी का कहना है कि आरामको के लिए अब तार्किक रास्ता यह है कि वह अपनी कुछ संपत्ति बेचे और फिर इसी को लीज़ पर लेकर अपनी गतिविधियां जारी रखे ताकि लिक्वीडिटी की समस्या हल हो जाए।

कंपनी इन हालात में अपने दस प्रतिशत शेयर बेचने पर विचार कर रही है और हो सकता है कि आगे चलकर वह अपनी और भी संपत्ति बेचने का फ़ैसला करे।