AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
मंगलवार

1 दिसंबर 2020

4:43:39 pm
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आले सऊद ने ऐतिहासिक मस्जिदे इमाम हुसैन (अ) शहीद करने का दिया आदेश, कई शिया घरों पर भी चलेगा बुलडोज़र

सऊदी अरब के एक समाचार सूत्र ने सूचना दी है कि आले सऊद के अधिकारियो के आदेश से शिया बहुल शहर क़तीफ़ में स्थिति एक मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। जिस मस्जिद पर बुलडोज़र चलाने का आदेश दिया गया है उस मस्जिद में सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शहीद बाक़िर अन्निम्र में नमाज़ पढ़ाते थे और ख़ुतबा दिया करते थे।

समाचार एजेंसी तसनीम ने सऊदी अरब की समाचार साइट अलअहद के हवाले से रिपोर्ट दी है कि, सऊदी अरब के सक्रिय कार्यकर्ता आदिल अलसईद ने सूचना दी है कि, आले सऊद सऊदी अरब के शिया बहुल इलाक़े अलअवामिया में स्थित “मस्जिदे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम” को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। आदिल अलसईद ने बताया है कि, ध्वस्त करने का आदेश दी गई मस्जिद में सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शहीद आयतुल्लाह बाक़िर अन्निम्र नमाज़ पढ़ाते थे और ख़ुतबा देते थे। इसी तरह आले सऊद ने पैग़म्बरे इस्लाम (स) के परिजनों के चाहने वालों के ख़िलाफ़ अपनी नफ़रत भरी कार्यवाही को जारी रखते हुए सऊदी अरब के शिया बहुल क़तीफ़ इलाक़े में मौजूद आयतुल्लाह शहीद बाक़िर निम्र से संबंधित सभी चीज़ों विशेष कर उनकी किताबों को नष्ट करने का आदेश दिया है। इसके अलावा सऊदी अरब शासन ने क़तीफ़ शहर के अस्सौरा इलाक़े में मौजूद शिया मुसलमानों की इमारतों पर बुलडोज़र चलाने का आदेश जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि, शिया मुसलमान सऊदी अरब की कुल आबादी का 10 से 15 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो ज़्यादातर इस देश के अश्शरक़िया प्रांत में रहते हैं। पूर्वी सऊदी में वर्ष 2011 से इस देश के आले सऊद शासन द्वारा किए जा रहे भेदभावपूर्ण रवैय, अत्याचार और अन्याय के ख़िलाफ़ जनता विरोध-प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शनकारी सभी राजनीतिक बंदियों की आज़ादी, अभिव्यक्ति की आज़ादी और इसी तरह उनके साथ हो रहे भेदभाव की पूर्ण रूप से समाप्ति की मांग कर रहे हैं। हलांकि सऊदी अरब की ज़्यादातर जनता आले सऊद के अत्याचारपूर्ण रवैये का शिकार है, लेकिन इस देश के शिया मुसलमान, अधिक अमानवीय व्यवहार और मानवाधिकारों के उल्लंघन का शिकार हैं। आले सऊद के संप्रदायिक राजनीतिक दृष्टिकोण के कारण सऊदी अरब के शिया मुसलमानों को वह दूसरे दर्जा का नागरिक देखता है। इस संप्रदायिक दृष्टिकोण के कारण सऊदी अरब के शिया मुसलमान मानवाधिकार के मूल अधिकारों से भी वंचित हैं और आले सऊद के हर तरह के अत्याचार का शिकार होते रहते हैं।   

ज्ञात रहे कि सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू आयतुल्लाह शहीद शेख़ बाक़िर निम्र, सऊदी नागरिकों विशेषकर इस देश के पूर्वी क्षेत्रों के नागरिकों को समान अधिकार दिए जाने और सरकार के भेदभावपूर्ण व अपमानजनक व्यवहार के ख़त्म होने की मांग करते थे। सऊदी अरब की आले सऊद सरकार ने आयतुल्लाह शेख़ बाक़िर निम्र को बेबुनियाद आरोपों के तहत कई वर्षों तक जेल में रखा और उन्हें तरह-तरह की यातनाएं देने के बाद वर्ष 2016 जनवरी महीने में बड़ी क्रूरता से उनका सिर काट कर उन्हें शहीद कर दिया था।