यमन के सैन्य मामलों के माहिर अज़ीज़ राशिद ने तस्नीम न्यूज़ के लिए विशेष लेख में बताया कि इस वक़्त यमनी सेना अपने राजनैतिक नज़रिये का पूरी दृढ़ता से समर्थन करने की ताक़त रखती है, जिसके पीछे क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बदलाव वजह है और इस वक़्त यमनी सेना की ताक़त इस हद तक पहुंच गयी है कि उसकी एक मीज़ाईल से सऊदी अरब बौखला जाता है।
उन्होंने कहा कि यमनी सेना की ताक़त ने सऊदी अरब से ट्रम्प कार्ड ले लिया और इस वक़्त वह पूरी तरह डरा हुआ है।
अज़ीज़ राशिद ने जंग के मैदान में यमनी फ़ौज की जीत और जंगी रणनीति की सफलता का ज़िक्र करते हुए लिखा कि यमनी फ़ौज की ताक़त से सऊदी अरब इतना बौखलाया व डरा हुआ है कि अब वह यूएन कोरिडोर से मदद की भीख मांग रहा है।
इस वक़्त यमन हमलावर दुश्मन को कड़ी चोट लगा रहा है, ख़ास तौर पर टैक्टिक व जंग के मैदान में लड़ाई के तरीक़े में बद्लाव के साथ दुश्मन के केन्द्र में संवेदनशील जगहों पर बड़े हमले करके, जीत हासिल करने के क़रीब पहुंच गया है।
उन्होंने सऊदी अरब की ओर से इस्राईल के साथ संबंध की पेंग का ज़िक्र करते हुए कहा कि सऊदी अरब को लगता है कि ज़ायोनी, उनकी जीत का कोई हल निकालेंगे, लेकिन वह यह भूल रहा है कि ज़ायोनी, लेबनानी प्रतिरोध से बुरी तरह घबराए हुए हैं।
अज़ीज़ राशिद ने कहा कि हम अपनी पूरी ज़मीन की आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं, जब तक हमले होंगे, हवाई हमले भी जारी रहेंगे, हमारी जल, थल और वायु फ़ोर्सेज़ पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है जिससे सऊदी अरब के हमले ख़त्म होंगे। उन्होंने कहा कि अगर सऊदी अरब कोई हल चाहता है तो यमनी राष्ट्र के ख़िलाफ़ हमले रोके, क्योंकि न तो यूएनएससी और न ही दुनिया के अनेक देशों से मिलने वाले हथियार उसे जीत दिला पाएंगे।