जेद्दाह में कंपनी के एक मैनेजर अब्दुल्लाह अल-ग़मदी ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि तेल प्रतिष्ठान के डीज़ल, गैसोलीन और जेट ईंधन के लिए इस्तेमाल होने वाले 13 टैंक तबाह हो गए हैं।
उन्होंने अरामको के प्रतिष्ठान के दौरे के दौरान कहाः यह टैंक, जैसा कि आप देख सकते हैं, ऊपर की तरफ़ से निशाना बनाया गया है, जिससे छत पर दो मीटर चौड़ा छेद हो गया है।
ग़मदी का कहना था कि इस हमले के कारण, ज़ोरदार धमाके हुए और भीषण आग लग गई, हालांकि आग पर क़ाबू पा लिया गया है।
सऊदी अरब का कहना है कि सोमवार की सुबह हुए इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है।
यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता यहया सरी ने एक बयान जारी करके कहा था कि अरामको कंपनी के प्रतिष्ठान पर क़ुद्स-2 विंग मिसाइल दाग़ा गया है, जो सटीक रूप से अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
ग़मदी का कहना था कि यह हमला 2019 में अरामको तेल प्रतिष्ठानों पर किए गए भीषण मिसाइल और ड्रोन हमलों जैसा ही है।
सितम्बर 2019 में यमन के अल-हौसी आंदोलन ने अरामको कंपनी के दो तेल प्रतिष्ठानों अबक़ीक़ और ख़ुरैस पर भीषण मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे, जिससे सऊदी अरब को भारी आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ा था और पूरी दुनिया में इस हमले की गूंज सुनाई दी थी।
ग़मती ने दावा किया कि हमले की तीन घंटों के बाद ही जेट ईंधन समेत रिफ़ाइंड तेल उत्पादों की आपूर्ति शुरू कर दी गई।