असाएबल अहले हक़ ब्रिगेड के महासचिव शैख़ क़ैस अलख़ज़अली का कहना है कि सऊदी अरब इराक़ के छह प्रांतों में पूंजीनिवेश के बहाने इन क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा करना चाहता है।
उनका कहना था कि इस योजना में सऊदी सैनिकों की ओर से सुरक्षा ख़तरे भी शामिल हैं और अतीत पर नज़र डालने से यह पता चलता है कि सऊदी अरब इराक़ की शांति और सुरक्षा को नुक़सान पहुंचाने के प्रयास में रहा है।
असाएब अहले हक़ के महासचिव ने देश के समस्त बुद्धिजीवियों, क़बाईली सरदारों, छात्रों और समस्त राजनैतिक दलों से अपील की है कि वे सऊदी अरब की इस योजना का खुलकर विरोध करें।
शैख़ अलख़ज़ अली ने कहा कि इस योजना को इराक़ के धुर दुश्मन इस्राईल के साथ सांठगांठ के समय लागू करने का प्लान है और वास्तव में यह कहना चाहिए कि सऊदी सरकार इसका समर्थन कर रही है।
ज्ञात रहे कि सऊदी, इराक़ की दस लाख हेक्टर ज़मीन को खेती और पशुपालन के लिए लेकर पूंजीनिवेश करना चाहती है ताकि उसकी यह योजना इराक़ में कृषि विभाग में पूंजीनिवेश की सबसे बड़ी योजना रहे।
सऊदी अरब की इस योजना में अंबार प्रांत के मरुस्थल से लेकर दक्षिणी प्रांत अलमुसन्ना, नजफ़ और बसरा जैसे प्रांत शामिल होंगे।